टमाटर के बाद मटर, फलियां और मशरूम के दाम बिगाड़ रहे रसोई का बजट, 100 के पार हैं दाम; रेट बढ़ने की यह है वजह
टमाटर के दाम कम होने के बाद अब मटर मशरूम और फलियां ने आंखें तरेर ली हैं। इनके खुदरा दम 100 रुपये प्रति किलो पार कर चुके हैं। महंगी सब्जियों ने रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है। इन दिनों मटर के खुदरा दाम 150 से लेकर 170 रूपये प्रति किलो तक पहुंच चुके है। तो फलियां 120 रूपये प्रति किलो में बेची जार रही है।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sun, 24 Sep 2023 11:49 AM (IST)
बरनाला, जागरण संवाददाता। Barnala News: डेढ़ महीने पहले रिटेल में 250 रुपये प्रति किलो तक बिके टमाटर के दाम इन दिनों बीस रुपये प्रति किलो रह गए हैं, लेकिन अब मटर मशरूम और फलियां ने आंखें तरेर ली हैं। इनके खुदरा दम 100 रुपये प्रति किलो पार कर चुके हैं।
मंडी में भी अधिकतर सब्जियों के दाम 50 रुपये प्रति किलो से अधिक हैं। सब्जी कारोबारियों के अनुसार स्थानीय सब्जियों की आमद शुरू न होने के कारण इन दिनों अधिकतर सब्जियों की आपूर्ति के लिए हिमाचल प्रदेश पर निर्भर होना पड़ रहा है, जिसका असर दामों पर पड़ा है।
रसोई का गड़बड़ाया बजट
महंगी सब्जियों ने रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है। इन दिनों मटर के खुदरा दाम 150 से लेकर 170 रूपये प्रति किलो तक पहुंच चुके है। तो फलियां 120 रूपये प्रति किलो में बेची जार रही है। मशरूम भी मध्यम वर्ग की पहुंच से दूर होता जा रहा है। इसकी कीमत 150 रूपये किलो है।अन्य हरी सब्जियों के दाम भी बढ़े हैं। चेयरमैन विजय गर्ग द विटेंज बरनाला के चेयरमैन विजय गर्ग ने कहा कि इन दिनों वेडिंग सीजन चल रहा है, जिसके चलते सब्जियों की मांग में इजाफा हो गया है।
यह भी पढ़ें- Rain in Punjab: तेज हवा के साथ कई जिलों में झमाझम बरसे बदरा, आज भी बारिश के आसार; पढ़ें मौसम का पूरा अपडेट
खाद्य पदार्थों के दाम निर्धारित करे प्रशासन
वहीं, स्थानीय सब्जियां मंडी में न आने के कारण सब्जी व्यापारियों को हिमाचल प्रदेश से सब्जियों की आपूर्ति करनी पड़ रही है। हिमाचल प्रदेश में हो रही वर्षा तथा मार्गों में आ रही दिक्कतों के कारण सब्जियां परिवहन के दौरान कुछ मात्रा में खराब हो रही हैं। इस नुकसान का आर्थिक बोझ भी उपभोक्ता से ही वसूला जा रहा है।
उप प्रधान विनोद कुमार कांसल श्री राम बाग कमेटी बरनाला के उप प्रधान विनोद कुमार कांसल ने कहा कि खाद्य पदार्थों के दाम प्रशासन को निर्धारित करने चाहिए क्योंकि कई कई बार कृत्रिम कमी पैदा कर व्यापारियों द्वारा अपने स्तर पर ही दामों में इजाफा कर दिया जाता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।