कृषि कानून को लेकर विभिन्न जगहों पर किसान डटे
कृषि कानून को लेकर किसानों ने एक अक्टूबर से लगातार संघर्ष किया जा रहा है।
संवाद सहयोगी, बरनाला : कृषि कानून को लेकर किसानों ने एक अक्टूबर से लगातार संघर्ष किया जा रहा है। सर्दी की शुरुआत से शुरू हुआ संघर्ष गर्मी में पहुंच गया है। कृषि कानून को लेकर चल रहे संघर्ष में गर्मी को लेकर किसानों द्वारा पुख्ता प्रबंध शुरू कर दिए हैं, जहां किसानों द्वारा लाखों रुपए खर्च करके टेंट लगाए गए हैं। वहीं अब टेंट में पंखे कूलर और अन्य गर्मी से राहत का बंदोबस्त किया जा रहा है। कृषि कानून को लेकर 164 दिनों से जिला बरनाला में विभिन्न जगहों पर डटे किसान कृषि कानून रद्द की मांग पर अड़े हैं और संघर्ष में बैठे हैं। कृषि कानून को लेकर किसानों द्वारा भाजपा के वाइस प्रधान, भाजपा जिला प्रधान, बर्बर टोल प्लाजा, महल कलां टोल प्लाजा, रिलायंस पेट्रोल पंप संघेड़ा, माना पिडी, आधार माल, रिलायंस माल समेत विभिन्न जगहों पर संघर्ष किया जा रहा है। जहां किसान धूप और शाम समेत बारिश की चिता किए बिना ही संघर्ष कर रहे हैं और अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं।
उधर, चीमा शहरी बिजली फीडर को लेकर भारतीय किसान यूनियन के किसानों द्वारा एक माह से लगातार संघर्ष किया जा रहा है और भाई जीता सिंह मार्केट में बने एससी दफ्तर का घेराव किया गया है। यहां विगत दिनों बिजली कर्मचारियों द्वारा किसानों का धरना समाप्त करने के लिए संघर्ष की बिजली कर्मचारियों द्वारा सोमवार तक का समय दिया गया है। जिसके बाद बिजली कर्मचारी भी अपना संघर्ष किसानों का धरना समाप्त करने के लिए शुरू करेंगे। वही किसानों द्वारा शहरी फीडर को लेकर गांव में ही दो पक्षों में विवाद चल रहा है, जिसको लेकर बिजली अधिकारी भी साफ बयां कर रहे हैं लेकिन इस मामले का समाधान होने का नाम नहीं ले रहा है। जिसको लेकर बिजली कर्मचारी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन कशमकश में है। वही किसान संघर्ष पर डटे हुए हैं। किसानों ने कहा कि जब तक शहरी फीडर का समाधान नहीं होगा उनका संघर्ष जारी रहेगा। वहीं बिजली कर्मचारियों द्वारा सोमवार से संघर्ष का एलान किया हुआ है।