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स्टेशन मास्टर के दफ्तर में सजाकर रखे व्हीलचेयर व स्ट्रेचर

करीब 100 वर्ष पुराने रेलवे स्टेशन बरनाला में अभी भी दिव्यांग व बुजुर्ग लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:12 AM (IST)
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स्टेशन मास्टर के दफ्तर में सजाकर रखे व्हीलचेयर व स्ट्रेचर

सोनू उप्पल, बरनाला : करीब 100 वर्ष पुराने रेलवे स्टेशन बरनाला में अभी भी दिव्यांग व बुजुर्ग लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्टेशन पर एक व्हीलचेयर व एक स्ट्रेचर की सुविधा तो है परंतु उसे स्टेशन मास्टर के कमरे में ही सजाकर रखा गया है। खानापूर्ति के लिए स्टेशनमास्टर के दफ्तर के बाहर नोटिस चिपकाया है लेकिन पढ़े लिखे न होने के कारण दिव्यांग व बुजुर्ग लोगों को सुविधा का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। दैनिक जागरण की टीम ने जब स्टेशन बरनाला का दौरा किया तो उसमें बुजुर्ग व दिव्यांग समस्याओं से जूझते हुए नजर आए। पेश है बरनाला से सोनू उप्पल की लाइव रिपोर्ट- रोजाना गुजरती हैं 24 ट्रेन

रेलवे स्टेशन बरनाला से दिन-रात को पटियाला से बठिडा-श्री गंगानगर व श्री गंगानगर से पटियाला अंबाला के लिए 24 इंटरसिटी व पैसेंजर ट्रेन गुजरती हैं। इसमें बरनाला स्टेशन से करीब 3500 यात्री सफर करते हैं। इनमें करीब 500 दिव्यांग, बुजुर्ग यात्री शामिल हैं। औसतन एक यात्री ट्रेन पर 10 से 15 बुजुर्ग व दिव्यांग सफर करते हैं। ऐसे में ज्यादातर बुजुर्ग व दिव्यांगों को स्टेशन पर व्हीलचेयर व स्ट्रेचर की सुविधा के बारे में पता न होने के कारण छड़ी, रैंप की ग्रिल, दीवार या अपनों का सहारा लेकर गुजरते हैं। जब लाभ ही न मिले तो सुविधा का क्या फायदा

श्री गंगानगर से अंबाला की ओर जाने वाली ट्रेन से उतरी बुजुर्ग मनजीत कौर (65) जब स्टेशन पर उतरीं तो उन्हें व्हीलचेयर व स्ट्रेचर के बारे में पता न होने के कारण रैंप का सहारा लेकर ऑटो तक पहुंचना पड़ा। उन्होंने व्हीलचेयर व स्ट्रेचर के बारे में कहा कि ऐसी सुविधा का क्या फायदा जिसका लाभ ही न मिले। प्रशासनिक अव्यवस्था को कोसा

बरनाला स्टेशन पर ट्रेन से उतरी बुजुर्ग महिला सुरजीत कौर (75) भी घुटनों में दर्द होने कारण चलने में असमर्थ दिखी। बड़ी मुश्किल से वह ग्रिल की मदद से स्टेशन से बाहर आई। उसने भी प्रशासनिक अव्यवस्था को कोसा। प्रशासन व सरकार के दावे खोखले

सोना सिंह (70) घुटनों के दर्द के कारण लड़खड़ाते हुए रैंप की मदद से स्टेशन से बाहर आए। उन्होंने कहा कि स्टेशन पर व्हीलचेयर व स्ट्रेचर की सुविधा होने के बावजूद हम जैसे लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार व प्रशासन लोगों से हमदर्दी के लाख दावे करते हैं परंतु हकीकत में सबके सामने ही है। सुविधा के लिए चिपकाया नोटिस

रेलवे स्टेशन मास्टर बरनाला राम सरूप ने बताया कि उनकी तरफ से कमरे के बाहर व्हीलचेयर व स्ट्रेचर की सुविधा के लिए नोटिस चिपकाया है। अगर कोई भी यात्री इस सुविधा की डिमांड करता है, उसको सुविधा दी जाती है। अगर इनको बाहर रखते हैं, तो यात्री इसका नुकसान कर देते हैं। आम दिनों में बहुत ही कम यात्री इस सुविधा का लाभ लेते हैं व माह में करीब पांच से सात बार ही जरूरत पड़ती है।

लोगों की सुविधा के लिए लगे हैं रैंप

बरनाला स्टेशन को ट्रैक से करीब तीन फीट ऊंचा किया है ताकि लोगों को ट्रेन चढ़ने में कोई दिक्कत पेश न आए। इसके साथ स्टेशन के बाहरी व अंदरुनी दोनों तरफ रैंप बनाए गए हैं। प्लेटफार्म खत्म होने पर भी दोनों तरफ रैंप बना है।

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