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Punjab News: पंजाब में पराली जलाने वालों की अब खैर नहीं! खेतों पर प्रशासन की पैनी नजर; लगेगा भारी जुर्माना

पंजाब के बरनाला जिले में पिछले साल 2316 जगहों पर पराली जलाई गई थी जिसके चलते 10 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया था। इस साल जिला प्रशासन ने 25 हॉटस्पॉट बनाए हैं और किसानों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं। किसानों से अपील की गई है कि वे पराली जलाने से बचें और इसके लिए विभिन्न प्रकार की मशीनों का इस्तेमाल करें।

By Hemant Kumar Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Fri, 27 Sep 2024 01:53 PM (IST)
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पंजाब में पराली जलाने वालों को भरना होगा जुर्माना। फाइल फोटो

हेमंत राजू, बरनाला। जिला बरनाला में 2,85,000 एकड़ में धान की फसल की पैदावार हुई है, जबकि पिछले वर्ष 2,86,000 एकड़ जगह में धान की पैदावार हुई थी। बरनाला के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले वर्ष 2316 जगहों पर पराली जलाई गई थी। जबकि जिले के 45000 किसानों में से 70% के करीब किसान पराली नहीं जलाते हैं।

डीसी ने खेतों पर नजर रखने के दिए निर्देश

डीसी पूनमदीप कौर ने कहा कि जिले में 25 हॉटस्पॉट बनाए गए हैं। गांवों पर विशेष ध्यान देते हुए खेतों पर पूरी नजर रखी जाए ताकि आग लगने की कोई घटना ना हो। डीसी बरनाला ने सिविल व पुलिस अधिकारियों को किसानों के साथ तालमेल बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि गांव स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप पहले से ही बनाए जा रहे हैं, जिसमें किसान, कृषि अधिकारी, नागरिक व पुलिस अधिकारी शामिल होंगे जो संयुक्त रूप से आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे।

किसानों से की गई अपील

जिला खेतीबाड़ी अफसर बरनाला डॉक्टर जगदीश सिंह ने बताया कि जिले में करीब 7000 किसानों के पास बेलर, सुपर सीडर , हैप्पी सीडर, सरफेस सीडर, जीरो टिल ड्रिल आदि विभिन्न प्रकार की मशीन हैं।

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जो पराली की संभाल करती हैं। उन्होंने किसान भाइयों से आह्वान किया कि सभी किसान सोसायटी अथवा अन्य मशीन धारकों से यह मशीन किराए पर लेकर पराली की संभाल करें। जिससे पराली की संभाल भी हो जाएगी व जिन लोगों ने यह मशीन खरीदी है, उन्हें रोजगार भी मिलेगा।

2500 से लेकर 15 हजार तक जुर्माने का प्रावधान

जिला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बरनाला के एक्सियन विक्की बांसल ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पराली जलाने वाले किसान पर दो एकड़ पर 2500 रूपये, पांच एकड़ पर 5000 रूपये व उससे अधिक 15000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

एसडीओ विपिन कुमार के अनुसार पिछले वर्ष जिन किसानों ने पराली को आग लगाई थी, उनसे करीब दस लाख रूपये जुर्माना वसूला गया था जो कि खाते में जमा करवाया गया था।

बीकेयू कादियां के जिला प्रधान जगसीर सिंह छीनीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी को कहा था कि किसानों को पांच हजार रूपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए, जबकि सरकार उनको पांच हजार रुपये मुआवजा नहीं दे रही।

किसानों के पास पराली संभालने के लिए कोई मशीनरी नहीं है व दस दिन बाद ही उनको गेंहू की बुआई करनी होती हैं। अगर पराली को खेत की मिट्टी में ही मिलाएंगे तो उस पर खर्चा अधिक होगा, जबकि किसान तो पहले से ही आर्थिक तौर पर बहुत कमजोर हैं।

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