Doctor Strike: चौथे दिन भी बरनाला में डॉक्टरों की हड़ताल जारी, दर-दर भटकते रहे मरीज
पंजाब (Punjab News) के बरनाला के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी है। हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चल रही हैं। डॉक्टर सुरक्षा और तरक्की की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे हड़ताल जारी रखेंगे।
जागरण संवाददाता, बरनाला। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन पंजाब के आह्वान पर सिविल अस्पताल जिला बरनाला के डाक्टरों ने ओपीडी बंद करके हड़ताल गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रखी व पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। जबकि अस्पताल में केवल इमरजेंसी सेवाएं चलती रही।
अस्पतालों में बने दवाई काउंटर भी बंद रहे। विभिन्न क्षेत्रों व गांवों से आए मरीज पर्ची काउंटर के बाहर इंतजार करते व कुछेक मरीज वापिस लौट कर अन्य प्राइवेट अस्पतालों में भी चले गए। ( पीसीएमएसए) बरनाला के डॉक्टर अंकुश जिंदल, डॉक्टर जसदीप सिंह, डॉक्टर लिपसी मोदी, डॉक्टर लवलीन गर्ग आदि ने बताया कि कुछ दिन पहले कलकत्ता में एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद से ही सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा की मांग लगातार तेजी होती जा रही है। परंतु अभी तक यह मांग पूरी नहीं हुुई हैं।
एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि नौ सितंबर से हड़ताल रखने का फैसला लिया गया था, जिसके तहत सिविल सर्जन को ज्ञापन भी सौंपे गए। पूरे दिन की हड़ताल चौथे दिन जारी रही। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की मुख्य मांगों में सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा देना और ( पीसीएमएसए) डाक्टरों की तरक्की व रेगुलर भर्ती शामिल है।
उन्होंने कहा कि ( पीसीएमएसए) डाक्टरों की तरक्की 2021 से बकाया पड़ी हैं, जिनको जल्द सूची को जारी किया जाए। कई अस्पतालों में डाक्टरों के पद रिक्त होन के चलते तैनात डाक्टरों को कई-कई चार्ज संभालने पड़ रहे हैं। जिस कारण कई डॉक्टर तो नौकरी छोड़ चुके हैं। मांंग है कि एमबीबीएस डाक्टरों की रेगुलर तैनाती होगी, जिससे रिक्त पदों को भरा जा सके और मरीजों को भी बेहतरीन इलाज मिले।
इसके अलावा डीए की बकाया किश्तों को भी जल्द जारी किया जाए। इसके अलावा एमरजेंसी सेवाएं भी जारी रहेंगी। हालांकि, इस दौरान ड्राइविंग लाइसेंस मेडिकल जांच, असला लाइसेंस चिकित्सा परीक्षण, सामान्य चिकित्सा परीक्षाएं, भर्ती संबंधी चिकित्सा परीक्षाएं, कोई यूडीआईडी कार्य नहीं, कोई वीआईपी,वीवीआईपी ड्यूटी नहीं, कोई डोप टेस्ट नहीं व कोई बैठक नहीं की जाएगी। उधर ओपीडी बंद होने के कारण दूर दराज गांवों से आए लोग वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं।