Punjab Air Pollution: जहरीली हुई हवा, लोगों को सांस लेने में भी होने लगी है दिक्कत; बरनाला का AQI पहुंचा 219
Punjab Pollution पंजाब के बरनाला में हवा जहरीली हो गई है। एक्यूआइ 219 तक पहुंच गया है। इससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतें होने लगी हैं। अस्थमा के मरीजों की सांस घुटने लगी हैं। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से शहर की आबोहवा पूरी तरह से बिगड़ने लगी है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी हो गया है। प्रशासन ने पराली जलाने से मना किया हुआ है।
By Hemant KumarEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 29 Oct 2023 04:12 PM (IST)
हेमंत राजू, बरनाला। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जल रही पराली के बाद प्रदूषण ने वातावरण में जहर घोल दिया है। एक्यूआइ 219 तक पहुंच गया है। इससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतें होने लगी हैं। अस्थमा के मरीजों की सांस घुटने लगी हैं। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से शहर की आबोहवा पूरी तरह से बिगड़ने लगी है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी हो गया है।
सांस के रोगियों के लिए बढ़ा खतरा
मौसम विशेषज्ञ के अनुसार एक्यूआइ 50 तक हो तो सबसे शुद्ध, 100 तक सामान्य व इससे अधिक होने पर स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है। प्रशासन ने पराली जलाने से मना किया हुआ है। आने वाले दिनों में अगर पराली और भी जलती है तो बिगड़ा पर्यावरण आने वाले समय में चिंता का कारण बन सकता है। डॉक्टरों ने सांस के रोगियों के लिए बढ़ा हुआ एक्यूआइ खतरा बताया है और ऐसे रोगियों को मास्क पहन कर रहने की सलाह दी है।
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बेहद नुकसानदायक साबित हो रहा पर्यावरण
सूद नर्सिंग होम बरनाला के डाक्टर राजवंश सूद एमएस सर्जन ने बताया कि बढ़ा हुआ पर्यावरण का स्तर बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है। आने वाले दिनों में तेजी से तापमान में परिवर्तन देखा जा सकेगा। जिन्हें श्वास संबंधी बीमारी है, वे सावधान रहें और बचाव के लिए घर से कम ही निकलें।
सिविल अस्पताल बरनाला के बच्चों की बीमारियों के माहिर डाक्टर अंकुश जिंदल ने कहना है कि इन दिनों रोजाना 10 से 15 मरीज ऐसे आ रहे है, जिन्हें श्वास संबंधी परेशानियां आ रही हैं। प्रदूषण का स्तर इसी तरह से बढ़ता रहा तो आने वाले समय में मरीजों की संख्या और भी बढ़ेगी।
प्रदूषित हवा में सांस लेने से ये बीमारियां होंगी: डॉक्टर रजनी जैन
डाक्टर प्रमोद जैन बच्चों का अस्पताल बरनाला के डायरेक्टर डाक्टर रजनी जैन बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं। हार्ट पेशेंट और ब्लड प्रेशर के रोगी प्रदूषित हवा के सीधे तौर पर संपर्क में न आएं। दमा, लंग कैंसर, हार्ट पेशेंट, हाइपरटेशन का कारण प्रदूषित हवा बनती है।
यह भी पढ़ें: Punjab News: पंजाब पुलिस ने इस साल पकड़ी 1090 किलो हेरोइन, आने वाले दिनों में रिकवरी बढ़ने की उम्मीदडॉक्टर नीतिन सिंगला माइंड केयर अस्पताल बरनाला के डाक्टर नीतिन सिंगला एमडी साइकेटरी ने बताया कि जहरीली हवा में अधिक समय से रहने की वजह से हाइपरटेशन का कारण प्रदूषित हवा बनती है। इसलिए अधिक समय तक प्रदूषित हवा में रहने से बचें। जितना हो सके मास्क का प्रयोग करें। पौष्टिक आहार का सेवन करें व अधिक से अधिक पानी पीए। बाहरी खाना खाने से परहेज करें।
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