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Bathinda News: चार दिन से भूख हड़ताल पर एंबुलेंस के कर्मचारी, वेतन में वृद्धि व 50 लाख के बीमा की है मांग

अपनी लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिए 108 एंबुलेंस के कर्मचारी पिछले चार दिनों से सिविल अस्पतालों में भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। आज उनका हड़ताल जारी रखे हुए चौथे दिन है और भूख हड़ताल से इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं हो रही है। लेकिन कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज किया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sun, 26 Nov 2023 05:29 PM (IST)
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अपनी मांगों के लेकर चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं 108 एंबुलेंस के कर्मचारी
जागरण संवाददाता, बठिंडा। 108 Ambulance Employee Hunger Strike: अपनी लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिए 108 एंबुलेंस के कर्मचारी पिछले चार दिनों से सिविल अस्पतालों में भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।

चौथे दिन अपनी हड़ताल जारी रखते हुए कर्मचारी जसप्रीत सिंह व सुखमंदर सिंह रविवार को भूख हड़ताल पर बैठे और सरकार व एंबुलेंस का संचालन कर रही कंपनी के खिलाफ अपना नारेबाजी कर अपना गुस्सा जाहिर किया।

हड़ताल से नहीं हो रही सेवाएं प्रभावित

फिलहाल 108 एंबुलेंस कर्मचारियों की भूख हड़ताल से इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं हो रही है। लेकिन कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज किया जाएगा और एंबुलेंस की सभी इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएगी।

एंबुलेंस कर्मचारी एसोसिएशन के पंजाब प्रधान अमनदीप सिंह का कहना है कि सरकार उनका शोषण कर रही है। 108 एंबुलेंस सेवा पंजाब में सरकार द्वारा ठेके पर चलाई जा रही है।

ड्राइवरों का नहीं मिल रहे पूरे वेतन भत्ते 

एंबुलेंस ड्राइवरों का कहना है कि न तो उन्हें वेतन भत्ते पूरे मिल रहे हैं न ही कोई सुविधा दी जा रही है। लंबे समय से उनके वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई है। उनकी मांगों में सरकार 108 एंबुलेंस को अपने अधीन करे, हरियाणा की तर्ज पर 35 से 40 हजार रुपए वेतन दिया जाएं।

जबकि मौजूदा समय में उन्हें महज 9500 रुपये मासिक वेतन मिल रहा है। यूनियन ने मांग कि सभी कर्मचारियों का 50 लाख रुपये का बीमा किया जाए और 12 घंटे की बजाय ड्यूटी का समय 8 घंटे तय किया जाए।

नहीं मिला सही मानको के साथ वेतन

रविवार को भूख हड़ताल पर बैठे जसप्रीत सिंह ने कहा कि 2011 से जकित्जा हेल्थ केयर नाम की एक निजी कंपनी एक अनुबंध के तहत पंजाब राज्य में आपातकालीन सेवा 108 एम्बुलेंस सेवा का रखरखाव कर रही है।

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जिसके तहत भर्तियों का विज्ञापन निकालने के बाद कंपनी द्वारा कर्मचारियों को नौकरी में भर्ती किया गया था, लेकिन पिछले एक दशक से किसी भी कर्मचारी को न तो कभी वेतन वृद्धि या बोनस मिला है और न ही सही मानकों के अनुसार वेतन का भुगतान किया गया है।

सरकार लूट रही सरकारी खजाने

सुखमंदर सिंह ने कहा कि कंपनी क्षतिग्रस्त, दुर्घटनाग्रस्त और ऑफ- रोड खराब वाहनों को सड़क पर दिखा रही थी। वे फर्जी हाजरी भी बना रहे हैं और सरकार को गुमराह कर भारी भरकम प्रोत्साहन और क्लेम भी ले रहे हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकारी खजाने की लूट है।

यहीं नहीं सरकारी अनुबंध के मुताबिक जब से यह सेवा चालू हुई है, तब से हर एम्बुलेंस की सुरक्षा के लिए चौकीदार को रखना जरूरी है, जिनकी कंपनी ने कभी भर्ती नहीं की।

कंपनी के जिला प्रबंधक कर्मचारियों पर हर महीने ग्रेच्युटी के रूप में कुछ पैसे सीधे देने के लिए दबाव बना रहे हैं। पंजाब प्रधान अमनदीप सिंह बठिंडा ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मांगी जाती संघर्ष जारी रखेंगे, जिससे राज्य भर में उनके करीब 1450 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं।

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