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Bathinda News: पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को विजिलेंस का समन, 23 अक्‍टूबर को पेश होने के आदेश; पढ़ें अपडेट

Bathinda News जमानत मिलने के बाद विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा ने पूर्व वित्तमंत्री और भाजपा नेता मनप्रीत बादल को एक और समन जारी किया और उन्हें आगामी सोमवार यानि 23 अक्टूबर को सुबह साढ़े 10 बजे विजिलेंस ब्यूरो रेंज बठिंडा कार्यालय में पेश होने के लिए कहा। विजिलेंस विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हालांकि कोर्ट से जमानत मिल गई है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 21 Oct 2023 02:36 PM (IST)
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पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को विजिलेंस का समन (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता,बठिंडा। पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को प्लाट मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत लेने में बेशक सफल हो गए हैं, लेकिन विजिलेंस अभी भी उनका पीछा छोड़ती नजर नहीं आ रही है। जमानत मिलने के बाद विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा ने पूर्व वित्तमंत्री और भाजपा नेता मनप्रीत बादल को एक और समन जारी किया और उन्हें आगामी सोमवार यानि 23 अक्टूबर को सुबह साढ़े 10 बजे विजिलेंस ब्यूरो रेंज बठिंडा कार्यालय में पेश होने के लिए कहा।

विजिलेंस विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हालांकि कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन इस मामले में कई अहम तथ्य सामने आए हैं, जिसके बारे में मनप्रीत बादल से पूछताछ की जानी अति जरूरी है। इसके अलावा उन्हें विदेश जाने से रोकने के लिए उनका पासपोर्ट भी जमा करना होगा।

सोमवार को विजिलेंस के सामने पेश नहीं होंगे बादल

सूत्रों का कहना है मनप्रीत बादल सोमवार को विजिलेंस के सामने पेश नहीं होंगे। बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री की तबीयत ठीक नहीं है और उनकी पीठ में काफी दर्द है, जिसके चलते पेशी से छूट मांगी जा सकती है। यहां बताना होगा कि विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा ने बीती 24 सितंबर को मनप्रीत बादल समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

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जिसमें आरोप लगाया गया था वित्तमंत्री रहते हुए मनप्रीत बादल ने साल 2021 में अपने प्रभाव से शहर के पाश इलाके माडल टाउन फेस वन में 1560 गज के दो प्लाट खरीदे थे। विजिलेंस जांच के मुताबिक इन प्लाटों को खरीदते वक्त पूर्व वित्तमंत्री ने पंजाब सरकार के खजाने पर 65 लाख रुपये की चपत लगाई थी।

बीडीए ने रिजर्व प्राइस तय किया

हालांकि, हाई कोर्ट में जमानत अर्जी के दौरान मनप्रीत ने दावा किया कि साल 2021 में जब कोरोना महामारी फैली हुई थी और पूरी दुनिया का कारोबार ठप था, उस दौरान बीडीए ने रिजर्व प्राइस तय किया था। उनके द्वारा प्लाट 29,948 रुपये में खरीदे गए, जबकि वर्तमान सरकार के दौरान वर्ष 2022 में उनके निकटवर्ती प्लाटों की बोली के दौरान यह आरक्षित मूल्य पहले से भी कम कर दिया गया था।

यहां बता दें कि इस साजिश मामले में मनप्रीत के तीन सहयोगी होटल व्यवसायी राजीव कुमार, कारोबारी विकास अरोड़ा और शराब ठेकेदार के कर्मचारी अमनदीप को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल जेल में हैं, जबकि बीडीए के तत्कालीन अधिकारी बिक्रमजीत सिंह शेरगिल, सुपरिटेंडेंट पंकज कालिया अभी भी फरार हैं और उनकी अग्रिम जमानत याचिका बठिंडा में दायर की गई है।

प्लाट मामले में कई अन्य लोगों पर भी विजिलेंस की नजर

जानकारी अनुसार प्आट मामले की जांच के दौरान विजिलेंस के सामने कई अन्य महत्वपूर्ण तथ्य आए हैं, जिससे इस मामले में कई अन्य लोगों की भूमिका भी सामने आएगी। सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में संभावना है कि तीनों बोलीदाताओं को एक मंच पर लाने में एक ठेकेदार के अलावा पूर्व मंत्री के करीबी रिश्तेदार की भूमिका की भी विजिलेंस गहनता से जांच कर रही है।

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इसके अलावा शेरगिल नगर निगम कमिश्नर और बीडीए अधिकारी रहते हुए एक पार्षद के काम का भी मूल्यांकन किया जा रहा है। विजिलेंस को पता चला है कि 15-20 साल में यह पार्षद स्कूटर से लेकर महंगी कारों और प्लाट का मालिक बन गया। बता दें कि मनप्रीत बादल के खिलाफ विजिलेंस केस नंबर 21 अभी भी खुला है।