Bathinda:जेल के सुरक्षा कवच में सेंध, कैदियों तक आसानी से पहुंच रहा नशा और मोबाइल; सवा छह साल में 449 केस दर्ज
Punjab हाई सिक्योरिटी जेल में शामिल बठिंडा सेंट्रल जेल की सुरक्षा कवच में जेल में बंद कैदी और विचाराधीन कैदी सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत से सेंध लगा रहे है। जेल के अंदर मोबाइल फोन से लेकर नशा तक बड़ी आसानी से कैदियों तक पहुंच रहा है।
By Mohammad Aqib KhanEdited By: Mohammad Aqib KhanUpdated: Sun, 18 Jun 2023 06:10 PM (IST)
बठिंडा, जागरण संवाददाता: पंजाब की हाई सिक्योरिटी जेल में शामिल बठिंडा सेंट्रल जेल की सुरक्षा कवच में जेल में बंद कैदी और विचाराधीन कैदी सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत से सेंध लगा रहे है। पंजाब पुलिस के अलावा सीआरपीएफ का सुरक्षा कर्मियों का कवच होने के बावजूद भी जेल के अंदर मोबाइल फोन से लेकर नशा तक बड़ी आसानी से कैदियों तक पहुंच रहा है। इसके चलते जेल के अंदर कैदियों में कई बार हाथापाई होने के मामले सामने आए हैं।
हाई सिक्योरिटी जेल होने के बावजूद भी हर माह जेल प्रशासन कम से कम छह केस मोबाइल फोन मिलने या नशा मिलने के बठिंडा पुलिस के पास दर्ज करवा रहा है। इस बात का खुलासा एक आरटीआइ के अंतर्गत मिली जानकारी में हुआ है।आरटीआइ एक्टिविस्ट संजीव गोयल ने बताया कि उनके तरफ से मांगी गई जानकारी में पता चला है कि सेंट्रल जेल बठिंडा की तरफ से पिछले 6 वर्ष 4 महीनों में 449 केस दर्ज करवाए गए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा 282 केस सिर्फ जेल में कैदियों से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, बैटरी आदि मिलने के शामिल हैं। सबसे ज्यादा 106 केस साल 2021 दर्ज करवाए गए, जबकि 2020 और 2022 में 48-48 केस जबकि 2019 में 30 व वर्ष 2017 में 24 केस दर्ज करवाए गए हैं।
इसी तरह सेंट्रल जेल बठिंडा नशा मिलने के 69 केसों दर्ज करवाए गए हैं, जबकि जेल के अंदर मारपीट करने के 70 केस जेल प्रशासन ने पिछले छह सालों में बठिंडा पुलिस के पास दर्ज करवाएं है। वर्ष 2020 और 2023 में पेशी के दौरान भागने का भी एक-एक मामला दर्ज किए गए हैं।
जेल में नशा व मोबाइल मिलना आम हो गया
आरटीआइ एक्टिविस्ट संजीव गोयल ने बताया कि बठिंडा की सेंट्रल जेल एक तरफ से सिक्योरिटी के पर्पज से बढ़िया मानी जाती है, लेकिन दूसरी तरफ आए दिन कैदियों से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, बैटरी, बीड़ी, सिगरेट, जर्दा, नशा आदि मिलना एक आम सी बात हो गई है। यहां तक कि जेल में तैनात कर्मचारियों से भी कई बार आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ है।जेल में मोबाइल फोन के आसानी से पहुंचाने में जेल के ही कुछ कर्मी सहयोग करते हैं, जिसके संबंध में पिछले कुछ समय से जेल के वार्डन से लेकर अधकारियों पर दर्ज केसों से भी खुलासा हो चुका है। इस बाबत सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी में पिछले 6 सवा छह साल का रिकार्ड उपलब्ध करवाया गया है।बठिंडा की इस सेंट्रल जेल में नामी गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई को भी रखा गया है, जबकि सैकड़ों कुख्यात अपराधी, गैंगस्टर्स भी इसी जेल में बंद हैं। वहीं जेल में बंद अपराधियों की तरफ से मोबाइल फोन का इसतेमाल कर बाहर बैठे गुर्गों से नशा सप्लाई करवाने, फिरौती वसूल करने व हत्या जैसी वारदातों को अंजाम दिया जाता है।
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फोन, सिम कार्ड, बैटरी को लेकर दर्ज किए मामले
वर्ष -मामले- 2017-24
- 2018-23
- 2019-30
- 2020-48
- 2021-106
- 2022-48
- 2023 (अब तक)-03
- कुल गिनती-282 केस
सेंट्रल जेल बठिंडा से नशा मिलने पर दर्ज किए केस
वर्ष-मामले- 2017-04
- 2018- 08
- 2019-14
- 2020-09
- 2021-05
- 2022-24
- 2023 (अब तक)-05
- कुल -69
सेंट्रल जेल बठिंडा में लड़ाई-झगड़ा के मामले
वर्ष-मामले- 2017-02
- 2018-07
- 2019-10
- 2020-10
- 2021-11
- 2022-27
- 2023 (अब तक) - 03
- कुल - 70
जमानत लेकर जाने समय पर न लौटने वाले कैदियों के मामले
वर्ष - मामले- 2017-05
- 2018-03
- 2019-09
- 2020-02
- 2021-03
- 2022-04
- 2023 (अब तक) -00
- कुल - 26