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Bathidna News: 15 दिसंबर से शुरू होगी ई-उपचार सेवा, मिलेगी डिजिटल OPD की सुविधा; मरीज व डाक्टरों को होगा फायदा

पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डॉयरेक्टर आईएएस वरिंदर कुमार शर्मा ने रविवार को बठिंडा के सिविल अस्पताल का दौरा किया। इस बैठक में उन्होंने सेहत विभाग के आला अधिकारियों से बैठक कर आने वाले दिनों में शुरू की जाने वाली ई-सेवा के संबंध में तैयारियों की जानकारी भी ली। इसमें सिविल सर्जन डॉ. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने कहा कि उन्होंने इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली है।

By Shoyeb AhmedEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sun, 26 Nov 2023 09:36 PM (IST)
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15 दिसंबर से शुरू होने वाली ई-उपचार सेवा को लेकर पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के एम डी बातचीत करते हुए
जागरण संवाददाता, बठिंडा। E-Treatment Service Will Start In Civil Hospital: पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन (Punjab Health System Corporation) के मैनेजिंग डॉयरेक्टर आईएएस वरिंदर कुमार शर्मा ने रविवार को बठिंडा के सिविल अस्पताल का दौरा किया।

इस दौरान उन्होंने सेहत विभाग के आला अधिकारियों से बैठक कर आने वाले दिनों में शुरू की जाने वाली ई- सेवा के संबंध में तैयारियों की जानकारी ली। इसमें सिविल सर्जन डॉ. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने कहा कि सरकार की तरफ से मिली हिदायतों के बाद उन्होंने तैयारी पूरी कर ली है।

15 दिसंबर से डिजिटल ओपीडी होगी शुरू

वहीं वरिंदर कुमार शर्मा ने कहा कि बठिंडा में 15 दिसंबर तक ई-उपचार सेवा के तहत डिजिटल ओपीडी शुरू हो जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं में ऑनलाइन प्रणाली का फायदा अब जल्द बठिंडा के मरीज भी उठा पाएंगे, क्योंकि सिविल अस्पताल में नए कम्प्यूटर्स व सिस्टम आ गए है।

जिन्हें आगामी दिनों में ई-उपचार साफ्टवेयर डॉलकर शुरू किया जा सकेगा। ई-उपचार से फायदा यह होगा की मरीज अब एक बार रजिस्ट्रेशन करने के बाद संबंधित डॉक्टर्स के पास सीधे मरीज की डिटेल्स पहुंच जायेगी। ना मरीज को एक्सरे कॉपी की जरूरत पड़ेगी और ना अल्ट्रासाउंड कॉपी की, क्योंकि सभी रिपोर्ट्स ऑनलाइन डॉक्टर्स के पास पहुंच जाएगी।

दिसंबर माह तक छह जिलों में सेवा होगी शुरू

वरिंदर शर्मा ने कहा कि पंजाब में पहले चरण में छह जिलों में यह सेवा दिसंबर माह तक शुरू कर दी जाएगी। वैसे तो प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं में यह ऑनलाइन सिस्टम शुरू किया जाना है और अधिकांश अस्पतालों में ये सिस्टम आने वाले एक माह के अंदर शुरू करने के लिए टीमें जुटी है।

जो अलग-अलग डिपार्टमेंट और विभिन्न विशेषज्ञों की ओपीडी में एक-एक कंप्यूटर सिस्टम लगाएंगे। ई-उपचार नाम का सॉफ्टवेयर इंस्टोल करके डॉक्टर्स को इस बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि उन्हें आगे कोई मुश्किल ना हो।

ई-उपचार सेवा योजना का कार्य होगा तेजी से 

योजना के संबंध में सिनविल सर्जन डॉ. तेजवंत सिंह ढिल्लों व एसएमओ डॉ. सतीश जिंदल ने बताया कि पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डॉयरेक्टर आईएएस वरिंदर कुमार शर्मा के दौरे के बाद इस योजना पर काम तेजी से पूरा किया जा रहा है।

बहुत जल्द ही बठिंडा जिले का सिविल अस्पताल हाईटेक होगा और सिविल अस्पताल आने वाले मरीजों का इलाज भी अब हाईटेक तरीके से होगा। जिसके बाद मरीज की ओपीडी पर्ची से लेकर चेकअप करवाने, लैब टेस्ट और दवा देने तक की सभी सेवाएं पूरी तरह से ऑनलाइन हो जाएगी।

ई-गर्वेनस की एक टीम ने सिविल अस्पताल का किया था दौरा

इस योजना के चलते पिछले दिनों चंडीगढ़ से ई-गर्वेनस की एक टीम ने सिविल अस्पताल का दौरा भी किया था। ई-गर्वेनस का काम देखने वाली उक्त टीम ने सिविल अस्पताल की ओपीडी ब्लाक, इमरजेंसी वार्ड, मेडिकल स्टोर, लैब, वूमेन एंड चिल्ड्रन अस्पताल के अलावा अन्य ब्लाक का निरीक्षण किया और जानकारी जुटाई की अगर पूरे अस्पताल का ऑनलाइन किया जाता है, तो किस जगह पर क्या-क्या चीज की जरूरत पड़ेगी और पूरे प्रोजेक्ट पर कितना खर्च आएगा।

ई-उपचार सके फायदे

वहीं इसके शुरू होने के बाद मरीज को पर्ची तक अपने साथ लाने के जरूरत नहीं पड़ेगी। अस्पताल में मरीज को रजिस्ट्रेशन के बाद एक यूएचआईडी (यूनिक हेल्थ आइडेंटिफिकेशन) नंबर दिया जाएगा। इसी नंबर से मरीज के तमाम टेस्ट व डॉक्टर द्वारा चेकअप किया जाएगा और फिर उसे ऑनलाइन कर दिया जाएगा।

दोबारा यदि मरीज आता है, तो उसे अपना यूएचआईडी नंबर बताना होगा और फिर उसे उसका पहले हुए इलाज का तमाम ब्योरा, टेस्ट रिपोर्ट आदि निकल आएंगी।

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ई-उपचार के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन

ई-उपचार शुरू होने से मरीज को आधार कार्ड और मोबाइल नम्बर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मरीज खून जाँच, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन सभी रिपोर्ट अब ऑनलाइन डॉ के पास पहुँच जाएगी।

इस सिस्टम की खास बात यह की मरीज एक नम्बर के माध्यम से किसी भी सरकारी अस्पताल में इलाज करा सकते है। उम्मीद है की दिसंबर 2023 तक मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा, जिससे मरीज और डॉक्टर्स दोनों को फायदा मिलेगा।

ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन

अस्पताल आने वाले मरीजों को जो रजिस्ट्रेशन के दौरान यूएचआईडी नंबर दिया जाएगा। उसे आधार कार्ड नंबर से लिंक किया जाएगा। इस दौरान यदि मरीज को यूएचआईडी नंबर याद नहीं है, तो उस दिशा में आधार कार्ड नंबर बताने पर उसका पहले हुए इलाज का तमाम ब्योरा निकल आएगा।

इस दौरान मरीज को डॉक्टर से चेकअप कराने के लिए पुरानी पर्ची लाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉक्टर के पास पहले दी गई दवाइयां, टेस्ट रिपोर्ट आदि चीजों का सभी ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगा।

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