नेत्रदान से दो लोगों के जीनव में हो सकती है रोशनी: सिंगला
सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. मीनाक्षी सिगला की देखरेख में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव की थीम के तहत आठ सितंबर 2022 तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 25 Aug 2022 03:45 PM (IST)
जासं, बठिडा: पंजाब सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. मीनाक्षी सिगला की देखरेख में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव की थीम के तहत आठ सितंबर 2022 तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारी मरणोपरांत नेत्रदान के साथ-साथ नेत्र रोग, कारण और अंधेपन के उपचार के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इस अवसर पर वीरवार को डा. तेजवंत सिंह ने सिविल सर्जन कार्यालय में नेत्र जागरूकता बैनर रिलीज किया गया।
एसएमओ डा. मनिदरपाल सिंह की देखरेख में सिविल अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर नेत्रदान पखवाड़ा शुरू किया गया। इस मौके पर लोगों को जागरूक करते हुए नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. मीनाक्षी सिगला और डा. डिपी कक्कड़ ने कहा कि हर साल हजारों लोग अंधेपन से पीड़ित होते हैं, लेकिन नेत्रदान करने वालों की संख्या बहुत कम है। एक नेत्रदान करने वाला व्यक्ति दो लोगों को प्रबुद्ध कर सकता है। किसी व्यक्ति की आंखें किसी भी उम्र में दान की जा सकती हैं। भले ही आंखों में लेंस, चश्मा लगा हो या फिर आंख का आपरेशन हुआ हो। नेत्रदान के लिए कमरे का पंखा बंद कर देना चाहिए और आंखों के ऊपर एक गीला और साफ कपड़ा रखना चाहिए और आंखों की देखभाल के लिए सिर के नीचे एक तकिया तब तक रखना चाहिए, जब तक कि आई बैंक टीम न आ जाए। किसी व्यक्ति की मृत्यु के छह से आठ घंटे के भीतर नेत्रदान किया जा सकता है। नेत्रदान की प्रक्रिया सिर्फ 10 से 15 मिनट में पूरी हो जाती है। उन्होंने कहा कि एड्स, पीलिया, ब्रेन फीवर और ब्लड कैंसर के मरीजों की आंखें दान नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा कि आंखों की देखभाल सही तरीके से की जाए। आंख में कोई बाहरी चीज हो तो खुद इलाज न कराएं और न ही किसी अर्ध चिकित्सक से इलाज कराएं बल्कि विशेषज्ञ चिकित्सक से ही इलाज कराएं। मोबाइल या कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल न करें। नेत्रदान फार्म नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर भरे जा सकते हैं और आनलाइन पंजीकरण भी किया जा सकता है। हालांकि तब भी नेत्रदान किया जा सकता है, भले ही किसी ने फार्म न भरा हो या पंजीकृत न किया हो। इस मौके पर डा सीमा, डा वीनू, डा श्वेता गुप्ता, नरिदर कुमार, विनोद खुराना, कृष्णा और रूपाली, हरविदर सिंह, बलदेव सिंह उपस्थित थे।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।