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Bathinda News: पंजाब मेडिकल काउंसिल चुनाव नतीजों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, मतदाता सूची में धांधली के आरोप

पंजाब मेडिकल काउंसिल चुनाव के नतीजों पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने ये रोक तीन डॉक्टरों की दायर याचिका पर लगाई है। चुनाव में मतदाता सूची में धांधली के आरोप लगे हैं। कोर्ट में कहा गया कि काउंसिल की मतदाता सूची में 1186 लोग ऐसे पंजीकृत हैं जिनकी उम्र 100 से 150 वर्ष के बीच है और अधिकांश की मृत्यु हो चुकी है।

By Deepak SaxenaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 08 Oct 2023 03:31 PM (IST)
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पंजाब मेडिकल काउंसिल चुनाव नतीजों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। हर पांच साल बाद प्रदेश भर के डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था पंजाब मेडिकल काउंसिल के होने वाले चुनाव के परिणाम अभी घोषित नहीं होंगे। चुनाव परिणाम के ठीक एक दिन पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बठिंडा के तीन डॉक्टरों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब मेडिकल काउंसिल के चुनावों के परिणामों पर रोक लगा दी है

इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिए है कि परिणाम तब तक घोषित नहीं होंगे, जब तक इस याचिका का निपटारा नहीं हो जाता है। गौरतलब है कि पंजाब मेडिकल काउंसिल के हर पांच साल बाद चुनाव होते हैं, जिसमें वर्तमान में 45 हजार सदस्य है और सभी सदस्यों ने 7 अक्टूबर तक डाक द्वारा अपना वोट डालना था और निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में डॉ. विजय कुमार ने 8 अक्टूबर 2023 को परिणाम घोषित किए जाने थे।

बठिंडा के डॉ. वितुल गुप्ता, डॉ. रॉबिन माहेश्वरी और डॉ. रोहनी कंसल ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में मोना गोयल और जयगोपाल गोयल के जरिए सिविल रिट याचिका संख्या 22732/2023 दायर की गई।

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पंजाब मेडिकल काउंसिल में 1186 लोग 100 साल के ऊपर

जिसके जरिए न्यायाधीश के ध्यान में लाया गया कि पंजाब मेडिकल काउंसिल की मतदाता सूची में 1186 लोग ऐसे पंजीकृत हैं, जिनकी उम्र 100 से 150 वर्ष के बीच है और उनमें से अधिकांश की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 100 सदस्य वे हैं जिन्होंने पंजीकरण के समय अपना पता सैनिक के रूप में दिया था और लगभग 150 सदस्य ऐसे हैं जोकि अविभाजित पंजाब और अब हरियाणा के दौरान पंजीकृत थे, लेकिन अब हिमाचल और राजस्थान में रह रहे हैं। वहीं कुछ डॉक्टरों के नाम मतदाता सूची से गायब हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें वोट देने के लिए वैलेट पेपर मिल गया है।

सिविल रिट याचिका के निर्णय के बाद ही होगा चुनाव परिणाम घोषित

याचिककर्ता डॉ. वितुल गुप्ता ने बताया कि इस प्रकार बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में धांधली की गई है और चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ नहीं हो रहे है। बीती 7 अक्टूबर को इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान चुनाव के निर्वाचन पदाधिकारी के डॉ. विजय कुमार अपने वकील के जरिए पेश हुए और दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई। याचिकाकर्ता की वकील मोना गोयल के तर्क को सही मानते हुए माननीय हाईकोर्ट के जस्टिस विनोद भारद्वाज की अदालत ने आदेश दिया कि जब तक इस सिविल रिट याचिका का अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक पंजाब मेडिकल काउंसिल चुनाव के परिणाम घोषित न किये जाए।

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