गरीबों के लिए इकट्ठा किया आटा खराब, निगम ने जमीन में दबाया, आप ने जेसीबी से निकाला
नगर निगम के अधिकारी आटे को ओपन एयर थियेटर के पास स्थित एक कमरे में रखे रहे। हालत यह हो गई कि वितरण न होने की वजह से भारी मात्रा में आटा खराब हो गया। निगम अधिकारियों ने सोमवार शाम को बड़ा गड्ढा खोदकर आटा जमीन में दबा दिया।
बठिंडा, जेएनएन। कर्फ्यू और लाकडाउन के दौरान हजारों गरीब लोगों में राशन के लिए हाहाकार मची रही। लोग निगम और कांग्रेस नेताओं की मिन्नतें करते रहे। विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के नेता भी कांग्रेस नेताओं और नगर निगम के अधिकारियों पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए तमाम जरूरतमंदों को राशन देने की मांग करते रहे। लेकिन इसके बावजूद ज्यादा गरीब लोग सरकारी राशन से वंचित रहे।
उधर, नगर निगम के अधिकारी आटे को ओपन एयर थियेटर के पास स्थित एक कमरे में रखे रहे। हालत यह हो गई कि वितरण न होने की वजह से भारी मात्रा में आटा खराब हो गया। इससे पहले कि इसकी किसी को भनक लगे, निगम अधिकारियों ने मौका देखकर बीते सोमवार की देर शाम को नजदीक ही स्थित जागर्स पार्क में कूड़ा डंप करने वाली जगह में बड़ा गड्ढा खोदकर उसे जमीन में दबा दिया। लेकिन इसके बावजूद मंगलवार की सुबह आम आदमी पार्टी के वर्करों को इसका पता चल गया और उन्होंने इस घटना को मीडिया के ध्यान में लाया।
बस फिर क्या था, देखते-देखते नगर निगम के अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया और तुरंत मौके पर पहुंचकर सफाई देने लगे। इस बात की निगम कमिश्नर को भी जानकारी नहीं थी। जानकारी मिलने पर उन्होंने भी मौके पर पहुंचकर जमीन को जेसीबी से खुदवाकर आटा चेक किया। निगम कमिश्नर ने अब इस मामले में खुद अपने स्तर पर जांच करके जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
निगम के अनुसार 12 क्विंटल, तो आप ने दो ट्राली आटा बताया
यह आटा कितनी मात्रा में अभी इसकी किसी को पूरी जानकारी नहीं है। अगर निगम अधिकारियों की माने तो यह करीब 12 क्विंटल आटा था। जिसमें सुसरी पड़कर खराब हो गया था। जबकि आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि जमीन में दो ट्राली आटा दबाया गया है। यह आटा बीते सोमवार की देर शाम को दबाया गया। फिर भी आटा बाहर दिखाई पड़ रहा था। इस पर मंगलवार की सुबह जेसीबी मशीन के साथ मिट्टी डालकर छुपाया जा रहा था।
निगम कर्मचारियों ने खुद अपने पैसों से खरीदा था आटा
इस दौरान नगर निगम के एक्सईएन गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह सरकारी आटा नहीं था। सरकारी आटा फूड सप्लाई विभाग की ओर से ही वितरित किया गया। यह आटा नगर निगम के कर्मचारियों की ओर से इकट्ठा किया गया था। कर्फ्यू और लाकडाउन के दौरान काफी आटा बांट दिया गया था। जबकि लाकडाउन खुलने के बाद सभी अधिकारी अन्य कार्यों में लग गए थे। बचा हुआ आटा जागर्स पार्क के एक कमरे में रख दिया गया था। वितरण न होने की वजह इस आटे को बांटा नहीं जा सका और खराब हो गया। अब इसे या तो नहर में डाला जा सकता था या फिर गोशाला में गायों के लिए दिया जा सकता था। लेकिन ऐसा करने से यह डर लगता रहा कि खराब आटा कोई नुकसान न पहुंचा दे। इसलिए इस आटे को गड्ढा खोदकर जमीन में दबा दिया गया। एक्सइएन गुरप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने यह मामला डीसी बी श्रीनिवासन के भी ध्यान में लाया है। उधर, आम आदमी पार्टी के जिला प्रधान नवदीप सिंह जीदा ने नगर निगम, जिला प्रशासन और कांग्रेसी नेताओं को आड़ेहाथ लिया। उन्होंने कहा कि लोगों से इकट्ठा किया तथा सरकारी राशन केवल अपने कांग्रेसी वर्करों को ही बांटा गया। सभी जरूरतमंदों को बिना भेदभाव बांटने की बजाय इसे खराब कर दिया। यह कितनी शर्मनाक बात है।
कमिश्नर बोले-खुद करेंगे जांच, कसूरवार पर होगी कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलने पर निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल मौके पर पहुंचे और जमीन खुदवाकर आटा चेक किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी आम आदमी पार्टी के नेताओं से ही मिली है। वह इस मामले की खुद जांच करेंगे। अगर इसमें कोई अधिकारी कसूरवार पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।