राष्ट्र को जगाने के लिए श्री राम अनुसरण करना जरूरी : स्वामी गोबिंद देव गिरी जी महाराज
भारतीय शिक्षण मंडल के सौजन्य से दीनबंधु छोटूराम विज्ञान व तकनीकी विश्वविद्यालय के सहयोग से आनलाइन अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस का आयोजन किया।
संस, बठिडा : भारतीय शिक्षण मंडल के सौजन्य से दीनबंधु छोटूराम विज्ञान व तकनीकी विश्वविद्यालय के सहयोग से आनलाइन अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान श्री राम जन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोबिंद देव गिरी जी महाराज ने बतौर मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे। इस कांफ्रेंस में 2000 से अधिक प्रतिभागियों ने आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से भाग लिया।
उन्होंने कहा कि जब भगवान श्री राम वनवास को चले तो अयोध्या वासियों ने कहा की जिस राज्य में राम नहीं वह राज्य हमारा नहीं। भगवान श्री राम के बिना रामराज्य की कल्पना करना भी संभव नहीं था। सहनशीलता व धैर्य भगवान राम का एक और गुण है। कैकेयी की आज्ञा से वन में चौदह वर्ष बिताना, समुद्र पर सेतु बनाने के लिए तपस्या करना, सीता को त्यागने के बाद राजा होते हुए भी संन्यासी की भांति जीवन बिताना उनकी सहनशीलता की पराकाष्ठा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र को जगाने के लिए भगवान श्री राम के चरित्र व गुणों का चिंतन व अनुसरण करना जरूरी है। अयोध्या में शिला पूजन आगामी राष्ट्र निर्माण के स्वरूप को ध्यान में रखकर किया गया है। भगवान श्री राम के आदर्शो पर चलकर हम विश्व का नेतृत्व करेंगे।
वहीं बतौर विशिष्ट अतिथि दीनबंधु छोटू राम विज्ञान व तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके अनायत ने भगवान श्री राम के जीवन चरित्र, उनके आदर्शो, रामायण के अध्याय पर विचार रखे। डा. सरस्वती की ओर से संगठन गीत की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान प्रो. राजनेहरू, प्रो. आरबी सोलंकी, प्रो. विनय कपूर मेहरा, प्रो. टंकेश्वर कुमार, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. नागेश्वर राव, प्रो. सुषमा यादव, प्रो. बलदेव धीमान आदि मौजूद थे।