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सप्लाई चेन तोड़ने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त टास्क फोर्स बने

राज्य में विधानसभा चुनाव का नतीजा आने को एक हफ्ते का समय रह गया है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 04 Mar 2022 01:51 AM (IST)
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सप्लाई चेन तोड़ने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त टास्क फोर्स बने

जागरण संवाददाता, बठिंडा: राज्य में विधानसभा चुनाव का नतीजा आने को एक हफ्ते का समय रह गया है। नई सरकार से लोगों को क्या उम्मीद है, इसके बारे में जानने के लिए 'दैनिक जागरण' की ओर से बुधवार को नशे के मुद्दे पर शहर के लोगों से बातचीत की गई। लोगों ने खुलकर कहा कि बेशक तस्कर से नशा छोटी मात्रा में पकड़ा जाए या फिर बड़ी मात्रा में, वह है तो एक जुर्म। इसकी सजा एक समान होनी चाहिए। कम नशा मिलने पर कम सजा होती है, जिस कारण नशा तस्कर सजा काटने के बाद फिर से तस्करी में लग जाता है। ऐसे में सभी पर एक ही धारा के तहत सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए। साथ ही मेडिकल नशा भी एनडीपीएस एक्ट के दायरे में लाना चाहिए। इसके लिए नई सरकार को अलग से कानून बनाना चाहिए। अगर ऐसा हो जाता है तो नशे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। माता-पिता भी बच्चों पर ध्यान दें और उन्हें नशे के खिलाफ जागरूक करें। नशे के खिलाफ सरकार व लोग मिलजुल कर करें काम: मान नशा एक बहुत ही बुरी आदत है। यह बच्चों को बहुत जल्द अपनी तरफ खींचता है। ऐसे में बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए बचपन से ही काम करना चाहिए। अगर बच्चों के माता-पिता उन पर ध्यान देंगे कि उनका बच्चा क्या कर रहा है, तो उसको बुरी संगत में जाने से रोका जा सकता है। इसके लिए सरकार व लोगों को मिलजुल कर काम करने की जरूरत है।

- रविंदर सिंह मान, प्रिंसिपल, दशमेश पब्लिक स्कूल, बठिंडा

खेल गतिविधियों बढ़ाकर युवाओं को नशे से दूर किया जाए: एसपी शुकला नशे की समस्या हर जगह है। यह या तो शौक में किया जाता है या फिर बुरी संगत में फंस कर। अगर बच्चों को हम शुरू से स्पोर्ट्स में लगाएंगे तो बच्चों को नशे की तरफ जाने से रोका जा सकता है। क्योंकि वे नशा तनाव में करते हैं और स्पोर्ट्स एक ऐसी चीज है, जो हारने के बाद भी आगे बढ़ने की हिम्मत देता है। सरकारों को चाहिए कि खेल गतिविधियों को बढ़ाया जाए।

- एसपी शुकला, संचालक, एरो एनर्जी एरोबिक्स एंड फिटनेस स्कूल, बठिंडा नशे के खिलाफ विधानसभा में मुद्दा उठाएं विधायक: राकेश नरूला

आज के समय में हमारे चुनाव केवल नशे पर रह गए हैं। मेडिकल नशा तो मोबाइल गाड़ियों से घर-घर पहुंच जाता है। यहा तक कि शहर के आउटर एरिया में मेडिकल स्टोर पर नशा आसानी से मिल जाता है। शहर के लोगों व समाजसेवी संस्थाओं को मिलकर सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। इसके लिए एरिया के विधायक को भी विधानसभा में मुद्दा उठाना चाहिए।

- राकेश नरूला, प्रधान, बठिंडा विकास मंच, बठिंडा युवाओं को रोजगार मिले तो कम होगा नशे का रुझान: एडवोकेट मान

नशा तो नशा ही है। बेशक वह कम मात्रा में पकड़ा जाए या फिर ज्यादा मात्रा में, ऐसे में सजा एक ही होनी चाहिए। नशे को लेकर तीन कैटेगरी बनाई गई हैं, जो कमर्शियल काम करते हैं, वह तो इसका बड़ा व्यापार ही करेगा। अगर नशा कम करना है तो युवाओं को रोजगार की तरफ लगाया जाना चाहिए। सरकारें इस पर आगे बढ़कर काम करें और लोगों को जागरूक भी होना होगा।

- एडवोकेट गुरविंदर सिंह मान, पूर्व सचिव, जिला बार एसोसिएशन, बठिंडा मेडिकल नशे के खिलाफ अलग से कानून लाए सरकार: गुरप्रीत भसीन

नशे को लेकर पंजाब को बदनाम किया हुआ है। युवाओं को रोजगार नहीं दिया जा रहा, जिस कारण वह नशे की दलदल में जा रहे हैं। माता-पिता को अपने बच्चों की तरफ ध्यान देना चाहिए। मेडिकल के कुछ नशे एनडीपीएस एक्ट के दायरे में नहीं है, लेकिन सरकार को इसके लिए अलग से कानून बनाना चाहिए। नशा रोकने के लिए ईमानदार पुलिस अधिकारियों को तैनात करना चाहिए।

- गुरप्रीत सिंह भसीन, एडवोकेट, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ओटीटी प्लेटफार्म और गानों में बंद हो नशे का प्रचार: हेरंभ पांडे

आजकल इंटरनेट पर चल रहे ओटीटी प्लेटफार्म या पंजाबी गानों में नशा खुलकर दिखाया जाता है। यह युवाओ को सबसे जल्द अपनी तरफ आकर्षित करता है। अगर हम उनको शहीद भगत सिंह या सुभाष चंद्र बोस की जानकारी देकर उनको रोल माडल बनाने की बात करेंगे तो बच्चों को नशे से दूर रखा जा सकता है। हमें अपने बच्चों पर नजर जरूर रखनी चाहिए।

- हेरंभ पाडे, संचालक, आइआइटीयंस क्लासेज, बठिंडा

नशे की सप्लाई लाइन टूटे तो कम होगा रुझान: प्रो. पवन कुमार

सरकारें लोगों को मुफ्त की सुविधा देकर उनको निकम्मा बना रही हैं। अगर मुफ्त की सुविधा देने के बजाय युवाओं को रोजगार दिया जाए तो वह काम में लगेंगे। उनका ध्यान भी नशे की तरफ नहीं जाएगा। नशा रोकने के लिए सप्लाई लाइन टूटनी चाहिए। आनलाइन चल रही क्लासों के कारण भी हम अपने बच्चों का ध्यान नहीं रख पा रहे कि वह क्या कर रहा है।

- प्रो. पवन कुमार गुप्ता, रिटायर्ड लेक्चरर, सरकारी राजिंदरा कालेज, बठिंडा

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