Punjab Lok Sabha Election: आप पर जीत का दबाव, अकाली दल के लिए साख बचाने की चुनौती; क्या है बठिंडा सीट का गणित
Punjab Lok Sabha Election पंजाब की बठिंडा सीट पर हर नेता और पार्टी की साख दांव पर लगी है। आप से कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और शिअद से पूर्व केंद्रीय मंत्री व तीन बार की सांसद हरसिमरत कौर बादल इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। आप प्रत्याशी पर जीत का दबाव है। हारे तो मंत्री पद भी छिन सकता है। वहीं शिअद की साख दांव पर लगी हुई है।
गुरप्रेम लहरी, बठिंडा। Bathinda Lok Sabha Seat: लोकसभा सीट बठिंडा पर मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। यहां पर आप से कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और शिअद से पूर्व केंद्रीय मंत्री व तीन बार की सांसद हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) चुनाव मैदान में हैं।
कांग्रेस ने मोहिंदर सिंह सिद्धू को प्रत्याशी बनाया
वहीं, कांग्रेस ने चार बार के विधायक जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू (Mohindar Singh Siddu) को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर (Parampal Kaur) को चुनाव मैदान में उतारा है। आप प्रत्याशी पर जीत का दबाव है। हारे तो मंत्री पद भी छिन सकता है। शिअद की साख दांव पर लगी हुई है।
बादल परिवार का सदस्य संसद नहीं पहुंचना चाहिए: मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बठिंडा में आप नेताओं की बैठक में यह कहा था कि जिस तरह 2022 के विधानसभा चुनाव में बादल परिवार का कोई भी सदस्य विधानसभा में नहीं पहुंचने दिया था, ठीक उसी प्रकार इस बार भी इस परिवार का कोई भी सदस्य संसद में नहीं पहुंचना चाहिए।हरसिमरत कौर बादल के लिए भी चुनाव जीतना जरूरी
शिअद प्रत्याशी हरसिमरत कौर बादल के लिए चौथी बार चुनाव जीतना बहुत जरूरी है। अगर वह हार जाती हैं तो बादल परिवार के लिए मुश्किल की घड़ी होगी। कारण, 2022 में बादल परिवार विधानसभा से बाहर रह गया था। शिअद के लिए सबसे बड़ी चुनौती सभी प्रत्याशियों का अकाली पृष्ठभूमि का होना है।
आप प्रत्याशी खुड्डियां के पिता जत्थेदार जगदेव सिंह खुड्डियां शिअद में थे। कांग्रेस प्रत्याशी जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू शिअद छोड़ कर कांग्रस में आए हैं। भाजपा प्रत्याशी परमपाल कौर के ससुर सिकंदर सिंह मलूका शिअद सरकार में दो बार मंत्री रह चुके हैं। सभी प्रत्याशी शिअद के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं।
आप प्रत्याशी पर पार्टी का दबाव है कि हर हाल में चुनाव जीतना ही है। कारण, विधानसभा चुनाव में पांच बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को हराकर विधायक बने खुड्डियां को ताकतवर बनाने के लिए ही मंत्री बनाया गया था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।