Punjab News: 9 -14 साल की लड़कियों को कम कीमत पर लगेगी सर्वावेक वैक्सीन
महिलाओं के लिए सर्वाइकल कैंसर काफी मुसीबत बन गया है जिससे आज के समय में काफी महिलाएं पीड़ित हैं। महिलाओं को इस मुश्किल से निकालने के लिए अब कम दाम पर सर्वावेक वैक्सीन लगाई जाएगी। यह वैक्सीन अभी भी लगाई जा रही है लेकिन रेट काफी ज्यादा है।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Tue, 03 Jan 2023 04:05 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बठिंडा: महिलाओं के लिए सर्वाइकल कैंसर काफी मुसीबत बन गया है, जिससे आज के समय में काफी महिलाएं पीड़ित हैं। महिलाओं को इस मुश्किल से निकालने के लिए अब कम दाम पर सर्वावेक वैक्सीन लगाई जाएगी। यह वैक्सीन अभी भी लगाई जा रही है, लेकिन रेट काफी ज्यादा है।
मगर अप्रैल मई 2023 तक कम दाम में एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) वैक्सीन 9-14 साल की लड़कियों को लगाई जाएगी। इसकी कीमत 200 से 400 रुपये के करीब होगी, जिसको बठिंडा के एम्स में शुरू किया जाएगा। इससे पहले स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम भी करवाए जाएंगे।
देश में 40 फीसद महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित
यह वैक्सीन लड़कियों को तीन डोज में लगती है। पहली बार लगवाने के बाद दूसरी डोज एक महीने व तीसरी डोज छह महीने के बाद लगेगी। पहले प्रति डोज की कीमत 2500 से 3300 रुपये थी, लेकिन अब इसको 200 से 400 रुपये में लगाया जाएगा।सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए सर्वावेक का टीका बनाया है। यह एचपीवी के चार उपभेदों- 16,18,6 व 11 से सुरक्षा प्रदान करता है। बठिंडा के एडवांस्ड कैंसर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डा. दीपक अरोड़ा के अनुसार इस समय 30 से 40 फीसद महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही हैं।
महिलाओं को चाहिए कि वह 30 साल की उम्र के बाद हर तीन साल बाद अपनी स्क्रीनिंग करवाएं, जिसके साथ उनमें बीमारियों को खोजा जा सकता है। उनका कहना है कि शुरुआत में ही कैंसर का पता चल जाता है तो सर्वाइकल कैंसर का इलाज पीएचसी स्तर पर भी किया जा सकता है। कैंसर का इलाज लंबा और महंगा इसलिए होता है, क्योंकि पता लगाने में देरी होती है।
यह होता है सर्वाइकल कैंसर
सर्विक्स गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है, जो पेल्विक जांच में दिखाई देता है। जब सर्विक्स में कोशिकाएं असामान्य रूप से बंटने और वृद्धि करने लगती हैं, तो इससे एक ट्यूमर बन जाता है, जिसे सर्वाइकल कैंसर कहते हैं। इस प्रकार का कैंसर ‘ह्यूमन पैपिलोमा वायरस’ के कारण होता है।
यह संक्रमण यौन साथियों के बीच आसानी से फैल जाता है। इसके लक्षणों में गर्भ से असामान्य रक्तस्राव, माहवारी के चक्रों के बीच में, दुर्गंधयुक्त स्राव, कमर और पेट दर्द शामिल हैं। ये लक्षण बीमारी के विकसित होने के बाद ही प्रकट होते हैं, जिससे इलाज के विकल्प सीमित और ठीक होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।