Move to Jagran APP

भारतमाला सड़क परियोजना: जमीन अधिग्रहण को लेकर किसान और पुलिस में झड़प, आंसू गैस के गोले छोड़े गए; स्थिति तनावपूर्ण

भारतमाला परियोजना के तहत अधिग्रहित की गई जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर पंजाब के बठिंडा जिले के गांव दुन्नेवाला में किसानों और पुलिस के बीच टकराव हो गया। किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। किसान 70 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मांग रहे हैं जबकि प्रशासन 47 लाख रुपये दे रहा है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 22 Nov 2024 07:04 PM (IST)
Hero Image
पंजाब पुलिस ने किसानों पर छोड़े आंसू गैस के गोले।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। भारतमाला सड़क परियोजना के तहत अमृतसर से जामनगर तक बन रही रोड के लिए प्रशासन की ओर से की गई जमीन एक्यावार के विरोध में शुक्रवार को बठिंडा के गांव दुन्नेवाला में किसानों व पुलिस के बीच झड़प हो गई। एक्वायर की गई जमीन का विरोध कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े।

वहीं पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के बाद किसानों ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया। इस झड़प में कई पुलिस कर्मचारी व किसान जख्मी हो गए। जिला प्रशासन की ओर से वीरवार को गांव शेरगढ़, भगवानगढ़ व दुन्नेवाला में प्रोजेक्ट के लिए जमीन को एक्वायर किया था। इसका किसानों ने विरोध भी किया, लेकिन किसान यूनियन उगराहां ने ऐलान किया कि शुक्रवार को पूरे पंजाब के किसान इकट्ठे होकर प्रशासन द्वारा लिए गए कब्जे को वापिस किसानों को कब्जा दिलाएंगे।

किसानों ने गांव दुन्नेवाला में प्रदर्शन करने का ऐलान किया। इसके बाद शुक्रवार सुबह से ही गांव दुन्नेवाला में सुबह से ही स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। दोपहर के समय किसान गांव शेरगढ़ में पहुंचे तो पहले पुलिस ने उनको वहां पर रोकने की कोशिश की। लेकिन यहां पर किसानों की गिनती ज्यादा होने की वजह से किसान अपनी गाड़ी की मदद से आगे निकल गए।

आंसू गैस के हैंड ग्रेनेड छोड़े

इसके बाद जब गांव दुन्नेवाला में पहुंचे तो वहां पर पुलिस ने पहले ही नाका लगाया हुआ था। किसान जब नहीं माने तो पुलिस ने पहले उनको रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। पुलिस ने एक के बाद एक लगातार आंसू गैस के गोले व आंसू गैस के हैंड ग्रेनेड छोड़े। ऐसा होने के बाद सारे किसान आसपास हो गए।

पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद किसानों पर लाठीचार्ज भी किया गया। इस दौरान कई किसानों को हिरासत में भी लिया गया। यहां तक कि पुलिस को पानी की बौछारें भी करनी पड़ी। मगर इसके बाद भी किसान पीछे नहीं हटे और उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया।

इसमें कई पुलिस कर्मचारी जख्मी हो गए। जबकि मौके पर मौजूद डीसी शौकत अहमद परे, डीआईजी एचएस भुल्लर व एसएसपी अमनीत कौंडल ड्रोन के जरिए पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए थे। काफी देर तक हुई इस कश्मकश के बाद किसानों ने वहीं पर धरना लगाने का ऐलान कर दिया।

हालांकि देर शाम को किसानों की पांच सदस्यीय कमेटी की प्रशासन के साथ मीटिंग बुलाई गई। गांव दुन्नेवाला में सुबह से ही स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी, पुलिस द्वारा गांव को जाने वाले रास्तों पर बैरीकेडिंग की गई थी। जबकि किसानों को बाहर रोकने के लिए गांव माइसर खाना में भी नाका लगाया गया था।

जानिए क्या है मामला

किसानों द्वारा प्रशासन पर कम मुआवजा दिए जाने का आारोप लगाया जा रहा है। जबकि अधिकारियों का कहना है कि जमीनों का नियमों के अनुसार क्लेक्टर रेट के हिसाब से मुआवजा दिया गया है। असल में पंजाब में नेशनल हाईवे के चल रहे प्राेजेक्ट जमीन अधिग्रहण के कारण पूरे नहीं हो पा रहे हैं।

इसको लेकर करीब दो महीने पहले केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को आदेश दिए गए थे कि नेशनल हाईवे के प्रोजेक्टों को जल्द पूरा करने के लिए जमीन अधिग्रहण किया जाए।

इसके बाद पंजाब सरकार की ओर से राज्य के सभी जिलों के डीसी से मीटिंग कर अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए जमीन अधिग्रहण का काम समय पर निपटाने के आदेश दिए।

इसके चलते अब प्रशासन की टीम द्वारा कार्रवाई की गई। वहीं अब आने वाले दिनों में इसी प्रोजेक्ट के लिए गांव लहरा मोहब्बत के एरिया में भी जमीन का कब्जा लेने की तैयारी की जा रही है।

यह भी पढ़ें- Farmers Protest: 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे किसान, ट्रैक्टर ट्रॉली के बिना होंगे रवाना; 9 महीने से बैठे हैं धरने पर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।