Punjab News: नाभा जेल ब्रेक मामले के तीन दोषी हुए रिहा, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने दी जमानत, इस जेल में थे बंद
27 नवबंर 2016 में हुए बहुचर्चित नाभा जेल ब्रेक मामले में के दो गैंगस्टरों समेत चार दोषियों को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है। सभी आरोपित बठिंडा की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद थे। इस मामले की पुष्टि करते हुए केंद्रीय जेल बठिंडा के सुपरिटेंडेंट एनडी नेगी ने दी। मई 2023 में पटियाला के एडिशनल सेशन जज ने 20 लोगों को इस मामले में सजा सुनाई।
बठिंडा, जागरण संवाददाता। पंजाब के सबसे बड़े नवबंर 2016 को हुए बहुचर्चित नाभा जेल ब्रेक मामले (Nabha Jail Break Case) में पटियाला के एडिशनल सेशन जज (Additional Session Judge) की तरफ से दोषी करार दिए जा चुके दो गैंगस्टरों समेत चार दोषियों को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab Haryana Highcourt) ने जमानत पर रिहा कर दिया है। सभी आरोपित बठिंडा की हाई सिक्योरिटी जेल (High Security Jail) में बंद थे।
मामले की पुष्टि करते हुए केंद्रीय जेल बठिंडा के सुपरिटेंडेंट एनडी नेगी (Jail Superintendent N.D Naigi) ने बताया कि मामले में दोषी करार दिए जा चुके गैंगस्टर कुलप्रीत सिंह उर्फ नीटा दियोल, सुलखन सिंह उर्फ बब्बर, मनवीर सिंह उर्फ मनी सेखों को जमानत पर रिहा किया जा चुका है, जबकि गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों को जेल से रिहा नहीं किया गया है, चूकिं उसपर ओर भी कई मामले दर्ज है। इसलिए जमानत पर उसे रिहा नहीं किया गया है।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि पंजाब की नाभा जेल में बंद गैंगस्टर विक्की गौंडर ने जेल ब्रेक की साजिश रची थी। बीती 27 नवंबर 2016 को गैंगस्टर गुरप्रीत सेखों व विक्की गौंडर जेल के मुख्य गेट के नजदीक खड़े थे। इस दौरान पुलिस वर्दी व असलहा लेकर पहुंचे इनके साथियों ने फायरिंग करते हुए अपने साथियों को छुड़ाया था।
इस दौरान आतंकी मिंटू भी इनके साथ फरार हो गया था। जेल ब्रेक करने के लिए दस से अधिक आरोपित गाडि़यों में सवार होकर आए थे। पुलिस वर्दी पहनकर आए इन आरोपितों ने कैदी को जेल छोड़ने की बात कहकर संतरी से गेट खुलवाया था। इसके बाद नाभा पुलिस ने थाना कोतवाली में गैंगस्टरों समेत जेल अधिकारियों और कर्मचारियों समेत कुल 30 लोगों पर मामला दर्ज किया था।
मई 2023 को पटियाला की अदालत ने सुनाई थी सजा
करीब सात साल की लंबी सुनवाई के बाद मई 2023 को पटियाला के एडिशनल सेशन जज एचएस ग्रेवाल की अदालत ने दो जेलकर्मियों और नौ गैंगस्टरों समेत 20 लोगों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई। अन्य दो दोषियों में से एक को पांच व दूसरे को तीन साल की सजा सुनाई गई। अदालत ने इस मामले में 22 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि छह को बरी कर दिया था।
अदालत ने जेल ब्रेक की साजिश रचने व ड्यूटी में लापरवाही बरतने के दोष में जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट सिक्योरिटी रहे भीम सिंह व हेड वार्डर जगमीत सिंह को 10 साल की कैद के अलावा 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई है। जुर्माना न भरने पर इन्हें दो साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी।
ये लोगो भी हैं दोषी
अन्य दोषियों में गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों, अमनदीप सिंह उर्फ धोतियां, सुलखन सिंह उर्फ बब्बर, मनवीर सिंह उर्फ मनी सेखों, कुलप्रीत सिंह उर्फ नीटा दियोल, गुरप्रीत सिंह खौरा, बिकर सिंह, पलविंदर सिंह उर्फ पिंदा व जगतवीर सिंह उर्फ जगता, गुरजीत सिंह, हरजोत सिंह उर्फ जोत, कुलविंदर सिंह उर्फ ढिंबरी, राजविंदर सिंह उर्फ राजू सुल्तान, रविंदर सिंह उर्फ ग्याना, सुखचैन सिंह उर्फ सुक्खी, मनजिंदर सिंह, अमन कुमार व किरण पाल सिंह उर्फ किरणा को साजिश रचने डकैती, हत्या की कोशिश, सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं में 10-10 साल कैद की सजा के साथ 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई। इन्हें भी जुर्माना अदा न करने पर दो साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
इन लोगों को किया गया बरी
बता दें कि इस मामले में शामिल गैंगस्टर हरजोगिंदर सिंह उर्फ विक्की गौंडर व प्रेमा लाहौरिया का साल 2018 में पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। जबकि खालिस्तानी लिब्रेशन फोर्स से जुड़े आतंकी मिंटू की जेल में बीमारी के चलते मौत हो गई थी। मामले में गिरफ्तार किए छह आरोपितों नरेश नारंग, रविंदर विक्की, रणजीत सिंह, तेजिंदर शर्मा, मोहम्मद आसिम व जीतेंद्र को बरी कर दिया गया है।
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