Punjab News पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन की ओर से मंगलवार से अपनी मांगों को लेकर अलग प्रकार से संघर्ष शुरू किया जा रहा है। राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह मणेस व डिपो अध्यक्ष कुलदीप सिंह बादल ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में कच्चे कर्मचारियों की सुनवाई नहीं कर रही है कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की बजाय झूठ बोल रही है।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन की ओर से मंगलवार से अपनी मांगों को लेकर अलग प्रकार से संघर्ष शुरू किया जा रहा है। इसके तहत उनके द्वारा बसों में 52 से ज्यादा सवारियों को नहीं बिठाया जाएगा। इससे पहले बसों में 100 से भी ज्यादा सवारियों को लाया जाता था, लेकिन अब यूनियन ने रैली कर यह एलान किया है।
पंजाब में कच्चे कर्मचारियों की सुनवाई नहीं हो रही
राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह मणेस व डिपो अध्यक्ष कुलदीप सिंह बादल ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में कच्चे कर्मचारियों की सुनवाई नहीं कर रही है, कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की बजाय झूठ बोल रही है। जबकि केंद्र की भाजपा सरकार यातायात नियमों में संशोधन के नाम पर पूरे भारत के वाहन चालकों व आम वर्ग पर घातक कानून थोपने की दिशा में आगे बढ़ी है, जिसका पूरे भारत को विरोध करना चाहिए।
आज से लागू हुआ फैसला
उन्होंने कहा कि परिवहन कर्मचारी इस समय 100 से अधिक यात्रियों को एक बस में यात्रा की सुविधा दे रहे हैं। मगर अब उनके द्वारा फैसला किया गया है कि बसों में 52 सीटों के अनुसार ही सवारियों को बिठाया जाएगा। यूनियन की ओर से 23 जनवरी से इस फैसले को लागू किया जाएगा।
कर्मचारियों को नहीं किया गया पक्का
आज़ाद यूनियन के अध्यक्ष हरबंस सिंह भोला ने कहा कि पंजाब में समय-समय पर सरकारें बदलीं, लेकिन किसी भी सरकार ने परिवहन विभाग के कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया। गुरप्रीत सिंह कमालू ने कहा कि सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का वादा किया था, अभी तक किसी भी कर्मचारी को पक्का नहीं किया गया।
फरवरी में तीन दिन तक रहेगी हड़ताल
इस दौरान मांग की गई कि पनबस पीआरटीसी में जनता की सुविधा के लिए 10 हजार सरकारी बसें डाली जाएं, कच्चे कर्मचारियों पर लगाई गई शर्ते रद्द की जाएं, नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को बहाल किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह संघर्ष करेंगे। जिसके तहत 1 फरवरी को मुख्यालय पर धरना दिया जाएगा। जिसके बाद 7 फरवरी को गेट रैली कर कर्मचारियों को लामबंद किया जाएगा। अगर फिर भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो 13, 14, 15 फरवरी को तीन दिवसीय हड़ताल की जाएगी।
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