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Raksha Bandhan 2024: बठिंडा जेल में धूमधाम से मनाया गया रक्षाबंधन, सजा काट रहे भाइयों की कलाई पर बहनों ने बांधी राखी

Raksha Bandhan 2024 आज पूरे भारत में भाई-बहन का रक्षाबंधन का त्‍यौहार मनाया जा रहा है। बठिंडा जेल में सजा काट रहे भाईयों की कलाई सूनी नहीं रही। प्रशासन की अनुमति के बाद बहनों ने जेल में बंद अपने भाईयों को राखी बांधी। जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन के इस त्‍यौहार के लिए सारे इंतजाम किए हुए थे। जेल में धूमधाम से भाई-बहन का ये त्‍यौहार मनाया गया।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Mon, 19 Aug 2024 02:56 PM (IST)
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जेल में अपने भाईयों को राखी बांधने पहुंची बहनें

जागरण संवाददाता, बठिंडा। Raksha Bandhan 2024: जहां देश भर में धूमधाम से राखी का त्योहार मनाया जा रहा है और जहां बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना कर रही हैं।

वहीं बठिंडा हाई सिक्योरिटी जेल में भी राखी के त्योहार के मौके पर बड़ी संख्या में बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए पहुंची। जेल अधिकारियों ने बताया कि सुबह से ही राखी बांधने के लिए बड़ी संख्या में बहनें पहुंची हैं। इसके लिए जेल वार्ड में विशेष व्यवस्था की गई है।

बहनों से मिलवाए जा रहे कैदी

कैदियों और हवालतियों को उनसे मिलवाया जा रहा है, ताकि बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सके। एक तरफ तो उन्हें इस बात की खुशी है कि वे आज अपने भाई को राखी बांध रही हैं, लेकिन उन्हें इस बात की निराशा भी है कि उन्हें यह पवित्र दिन जेल में मनाना पड़ रहा है,ऐसा दिन कोई भी बहन देखना नहीं चाहती है।

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जिसे राखी बांधने के लिए जेल जाना पड़े। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपराध की दुनिया से दूर रहना चाहिए, क्योंकि जो युवा अपराध करने के लिए जेल जाता है, उसके बाद उसका परिवार जेल से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर होता है, इसलिए युवाओं को अपराध से दूर रहना चाहिए।

जेल अधीक्षक ने दी जानकारी

इस मौके पर अतिरिक्त जेल अधीक्षक इंद्रजीत सिंह काहलों ने कहा कि इस पवित्र दिन को देखते हुए पंजाब सरकार ने कैदियों और हवालतियों के लिए विशेष व्यवस्था की है। इस अवसर पर जेल ड्यूटी में लगे कैदियों और हवालतियों को उनकी बहनों से मिलवाया गया है।

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राखी का त्योहार मनाने के लिए कैदियों को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक बहनों से मिलने की अनुमति दी है। साथ ही बहनों के लिए विशेष टेबल, पीने के पानी और अन्य व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि यह एक पवित्र त्योहार है, लेकिन युवाओं को सोचना चाहिए कि उन्हें अपराध की दुनिया से दूर रहना चाहिए क्योंकि अपराध से जुड़कर उन्हें ऐसे पवित्र त्योहार जेलों में मनाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

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