Punjab News: स्कूल ऑफ एमिनेंस के 158 छात्रों ने किया JEE में क्वालिफाई, अब तक दो लाख से ज्यादा बच्चे हो चुके हैं एनरोल
स्कूल ऑफ एमिनेंस में विद्यार्थियों को इनोवेशन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पंजाब सरकार केवल स्कूल ऑफ एमिनेंस में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के विद्यार्थियों में इनोवेशन की भावना पैदा करने की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। इसके लिए हरेक जिले में लैब तैयार किए जा रहे है। जिनके लिए पंजाब सरकार ने 50.16 लाख रुपये का फंड जारी किया है।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। आम घरों के विद्यार्थियों को भी अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब में पहली बार स्कूल ऑफ एमिनेंस की शुरूआत की। इस स्कूल की उपलब्धि केवल यह नहीं कि 82,000 बच्चों से शुरू होकर आज स्कूल ऑफ एमिनेंस के लिए 2 लाख बच्चे एनरोल हो चुके है।
प्राइवेट स्कूल को छोड़ कर विद्यार्थी स्कूल ऑफ एमिनेंस में दाखिला ले रहे हैं बल्कि यह भी हैं कि यह भी हैं कि बीते अकादमिक वर्ष स्कूल ऑफ एमिनेश के 158 छात्रों ने इंजीनियरिंग के लिए होने वाले संयुक्त दाखिला परीक्षा (जेईई) को क्वालिफाई किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान कहते हैं ‘हमारा लक्ष्य हैं शिक्षा का स्तर इतना बेहतर हो कि स्कूल ऑफ एमिनेंस में पढ़ कर न सिर्फ विद्यार्थी इंजीनियर-डाक्टर बने बल्कि अच्छे वैज्ञानिक और स्व:रोजगार वाले बने।’
देखने में भले ही जेईई क्वालिफाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 158 बहुत कम नजर आती हो लेकिन महज दो वर्षों में स्कूल ऑफ एमिनेंस ने यह उपलब्धि हासिल की है। पंजाब में अभी तक 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस खोले जा चुके हैं। इन स्कूलों के पास न सिर्फ अपना खेल का मैदान है बल्कि लैबोरेटरियां और लाइब्रेरी भी मौजूद हैं। स्कूल का इनफ्रास्ट्रक्चर राष्ट्रीय स्तर का है। बल्कि इन स्कूलों के क्लास भी स्मार्ट हैं ताकि विद्यार्थियों में आत्मविश्वास पैदा हो।
स्कूल ऑफ एमिनेंस में विद्यार्थियों को इनोवेशन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पंजाब सरकार केवल स्कूल ऑफ एमिनेंस में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के विद्यार्थियों में इनोवेशन की भावना पैदा करने की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। इसके लिए हरेक जिले में लैब तैयार किए जा रहे है। जिनके लिए पंजाब सरकार ने 50.16 लाख रुपये का फंड जारी किया है।
जालंधर में 174 लैब के लिए 3.29 लाख रुपये जारी किए गए हैं। अमृतसर की 190 लैब के लिए 3.77, गुरदासपुर के 156 लैब के लिए 3.04 लाख, मुक्तसर की 125 लैब के लिए 2.39, पटियाला की 163 लैब के लिए 3.18, संगरूर की 138 लैब के लिए 2.62 लाख रुपए जारी किए गए हैं। ताकि विद्यार्थियों में इनोवेशन की भावना पैदा हो और वह शिक्षा प्राप्त करके बेहतर भविष्य बना सके। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह ने कहा कि बच्चों का ओवर-आल विकास होना चाहिए। इसके लिए पंजाब सरकार लगातार प्रयासरत है। यह निरंतर प्रक्रिया है। जिसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं।
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