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पंजाब में सड़क हादसों में आई 25 फीसदी की कमी, अति-आधुनिक उपकरणों से लैस हैं सड़क सुरक्षा फोर्स की गाड़ियां

पंजाब की 5500 किलोमीटर सड़कों की निगरानी के लिए बनाई गई सड़क सुरक्षा फोर्स में 116 टोयोटा हिलक्स और 28 महिंद्रा स्कॉर्पियो को शामिल किया गया है। पंजाब में कुल 144 अति-आधुनिक उपकरणों से लैस गाड़ियां लोगों की मदद कर रही हैं। जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। पंजाब में सड़क हादसों में 25 फीसदी की कमी आई है।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Updated: Sat, 21 Sep 2024 05:40 PM (IST)
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पंजाब सरकार का सड़क सुरक्षा पर खास जोर।

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए और दुर्घटना होने की स्थिति में घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए गठित की गई सड़क सुरक्षा फोर्स के सिपाही न सिर्फ दक्ष हैं बल्कि उनके वाहन भी अति-आधुनिक उपकरणों से लैस हैं।

राज्य की 5500 किलोमीटर सड़कों की निगरानी के लिए बनाई गई सड़क सुरक्षा फोर्स में 116 टोयोटा हिलक्स और 28 महिंद्रा स्कॉर्पियो को शामिल किया गया है। पंजाब में कुल 144 अति-आधुनिक उपकरणों से लैस गाड़ियां लोगों की मदद कर रही हैं। जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। पंजाब में सड़क हादसों में 25 फीसदी की कमी आई है।

सड़क सुरक्षा फोर्स के पास ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए दिए गए वाहन स्पीड गन, वाहन चालक शराब पीकर गाड़ी तो नहीं चला रहा है, इसके लिए अल्कोमीटर, ई-चालान मशीनें और एआई अधारित स्मार्ट प्रणाली जैसे अति-आधुनिक उपकरणों से लैस हैं। उनके पास कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के साथ-साथ रीयल-टाईम सीसीटीवी कैमरों वाली रिक्वरी वैन भी होती है।

सड़क सुरक्षा फोर्स न सिर्फ ओवर स्पीड गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर नकेल कस रही है बल्कि घायलों को सही समय पर अस्पताल पहुंचाने का भी काम कर रही है। घायलों को नजदीक के अस्पताल पहुंचाने या घायल को चिकित्सीय सुविधा देने के लिए सड़क सुरक्षा फोर्स की गाड़ियों में फर्स्ट एड किट के साथ-साथ स्ट्रेचर भी है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का कहना है, हमारी कोशिश हरेक कीमती जान को बचाने की है।

सड़क पर होने वाले दुर्घटनाओं को कम करने व दुर्घटना में घायल व्यक्ति को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए एक सड़क सुरक्षा फोर्स की गाड़ी का दायरा मात्र 30 किलोमीटर ही रखा गया है। ताकि फोर्स जल्द से जल्द दुर्घटना स्थल पर पहुंच सके। यही नहीं फोर्स के सिपाहियों की ड्यूटी को भी मात्र आठ घंटे ही रखा गया है। ताकि हरेक वाहन पर ड्यूटी देने वाला सिपाही अपनी पूरी क्षमता से लोगों की जान-माल की रक्षा कर सके। इसी के कारण पंजाब में सड़क हादसों में 25 फीसदी की कमी आई है।