गोल्डी बराड़ सहित कनाडा में छिपे हैं 29 आतंकी-गैंगस्टर, विदेश से रचते है साजिश; फर्जी पासपोर्ट से शुरू होता है गेम
कनाडा में शरण लिए हुए पंजाब के गैंगस्टर भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। इनमें से कई आतंकवादी घोषित किए जा चुके हैं और कनाडा से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। कनाडा सरकार इन अपराधियों को भारत को सौंपने के बजाय उन्हें संरक्षण दे रही है जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है।
रोहित कुमार, जागरण। भारत व कनाडा के रिश्तों की कड़वाहट बढ़ती जा रही है। दोनों देशों के बिगड़ते रिश्ते का मुख्य कारण कनाडा द्वारा भारत के आतंकियों के साथ-साथ गैंगस्टरों को पनाह देना है।
हालात ऐसे हैं कि पंजाब के कई आतंकियों और गैंगस्टरों ने देश से फरार होने के बाद कनाडा में पनाह ले रखी है और वे वहीं से भारत विरोधी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं।
29 आतंकियों और गैंगेस्टरों ने कनाडा में ली है शरण
ऐसे अपराधियों को भारत को सौंपने के बजाय अपने लाभ के लिए कनाडा, उन्हें वहां पर संरक्षण दे रहा है। पंजाब के करीब 29 गैंगस्टर फर्जी पासपोर्ट पर कनाडा में शरण ले रखे है, जिनमें से कईयों को अब आतंकी घोषित किया जा चुका है।कनाडा और भारत के रिश्ते 2023 में पटरी से तब उतरे जब ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी थी। कनाडा ने इस हत्याकांड में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था।यह भी पढ़ें- लॉरेंस बिश्नोई हुआ आरोप मुक्त, पंजाब की SIT ने दी राहत; जेल में इंटरव्यू से जुड़ा है मामला
कनाडा ने भारत पर लगाए गंभीर आरोप
अब कनाडा ने आरोप लगाए है कि भारत कनाडा में खालिस्तानी और साउथ एशियाई मूल के लोगों को टारगेट करने के लिए लॉरेंस गैंग का इस्तेमाल कर रहा है। कनाडा सरकार ने ये आरोप उस समय लगाए हैं, जब मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर लॉरेंस बिश्नोई सुर्खियों में है।कनाडा में लॉरेंस गैंग और बंबीहा गैंग आमने-सामने है। वहां पर दोनों गुटों में गैंगवार चल रही है। यूरोप से लेकर पाकिस्तान तक दोनों गुटों के समर्थक आमने-सामने हैं। यह भी सामने आया है कि पुलिस की मुठभेड़ में मारे जा चुके दविंदर बंबीहा का इंटरनेट मीडिया फ्रांस से लगातार हैंडिल हो रहा है।
आईबी के आलाधिकारियों के मुताबिक, गैंगस्टरों का जाल यूरोप से लेकर कनाडा और अमेरिका के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है, जो लगातार फंडिंग के अलावा इंटरनेट मीडिया पर अपने गुट की पीठ थपथपा रहे हैं।
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