500 जरुरतमंद परिवारों के लिए 45 करोड़ का प्रोजेक्ट लांच Chandigarh News
ह्यूमन राइट्स प्रटेक्शन ग्रुप एंड एमएफपी फेडरेशन कुल मिलाकर 500 जरूरतमंद लोगों को नौकरी देगा और साथ ही उन्हें कंपनी का हिस्सादर भी बनाएगा।
By Edited By: Updated: Wed, 13 Nov 2019 10:06 AM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। इस देश में कई ऐसे परिवार हैं, जो अपनी जिंदगी का निर्वाह सही तरह से नहीं कर पाते हैं। इस वजह से उनके बच्चे भी शिक्षा से महरूम रह जाते हैं, जो हमारे देश में बहुत बड़ी समस्या है। इस समस्या की ओर कोई भी गंभीरता पूवर्क ध्यान नहीं देता है, लेकिन इस बात को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में चल रहे लीवनोवन बिहाइंड इंटरनेशनल कॉन्क्लेव ऑन ह्यूमन राइट्स, कम्युनिटी वेलफेयर, फिलांथ्रोफ्य और यूएन एसडीजी 2.0 के दूसरे दिन एक मुख्य प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया। गरीब परिवारों को ध्यान में रखते हुए भीजा कुल्चा नाम से एक प्रोजेक्ट को लांच किया गया।
500 जरूरतमंद लोगों को मिलेगी नौकरी
ह्यूमन राइट्स प्रटेक्शन ग्रुप एंड एमएफपी फेडरेशन कुल मिलाकर 500 जरूरतमंद लोगों को नौकरी देगा और साथ ही उन्हें कंपनी का हिस्सादर भी बनाएगा। इस कार्य को करने के लिए एक सर्वे किया जाएगा। जिसके द्वारा इन 500 परिवारों का चयन किया जाएगा। उसके बाद उनकी शिक्षा से लेकर नौकरी तक की सभी जिम्मेदारी ग्रुप की होगी। इस कार्य के लिए जल्द ही सर्वे भी शुरू हो जाएगा।
सेंटर फोर ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटीज और सेंटर फोर सोशल वर्क के विधार्थी करेंगे सर्वे
500 गरीब परिवारों के चयन के लिए जो सर्वे होगा, वह पंजाब यूनिवर्सिटी के सेंटर फोर ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटीज और सेंटर फोर सोशल वर्क के स्टूडेंट्स करेंगे। इसके लिए स्टूडेंट्स का भी चयन होगा, जो सर्वे को अंजाम देंगे। यह प्रोजेक्ट बड़ा है, जिसमें किसी भी प्रकार की कोई कमी छोड़नी की कोई गुंजाइश नहीं है। 30 सालों तक गरीब और वंचित बच्चों की सहायता जागृति सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष एचएस कठपालिया को ह्यूमन राइट्स हीरो अवॉर्ड से नवाजा गया। कठपालिया ने 30 साल तक गरीब और वंचित बच्चों के लिए निस्सवार्थ काम किया है। इनका ट्रस्ट 1200 बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहा है। ट्रस्ट दो प्राथमिक विद्यालय के साथ 6 इवनिंग कोचिंग केंद्र और 4 कंप्यूटर एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट केंद्रों का संचालन कर रहा है।
लैंगिक समानता और शिक्षा पर भी हुई बात कॉन्क्लेव के दूसरे दिन की शुरुआत लैंगिक समानता और शिक्षा के सत्र से हुआ। इस सत्र में यूएनएफए की भारत में पूर्व प्रतिनिधि डॉ. सुनीता मुखर्जी, रानी ब्रेस्ट कैंसर ट्रस्ट की संस्थापक बिट्टू संधू, पूर्व आइआरएस अफसर सुधा शर्मा और इफ द ब्लू लोटस ¨सग्स किताब की लेखिका लिपी परिदा ने समाज में मौजूद लैंगिक असमानता, इसके कारणों और इसे खत्म करने के लिए उपायों पर बात की।
सभी के लिए शिक्षा जरूरी : मर्सिडीज कैबेलेरो स्पेनिश डांसर और मानवाधिकार कार्यकर्ता मर्सिडीज कैबेलेरो ने सभी के लिए शिक्षा के सपने को लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि मैं प्राथमिक विद्यालय के बाद अपनी शिक्षा जारी नहीं रख सकती थी, लेकिन मैं दुनिया भर के बच्चों के लिए बेहतर भविष्य चाहती हूं। उन्होंने कहा कि वह जरूरतमंद बच्चों के लिए स्कूल की फीस का भुगतान करेंगी और उसी के लिए एक चैरिटी शुरू करने जा रही है।
प्रदूषण की वजह से मेरे बच्चे घर से नहीं निकल सकते, दिल्ली मर रही हैं : रब्बी शेरगिल दिल्ली की हवा में बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए गायक रब्बी शेरगिल ने बताया की प्रदूषण की वजह से उनके बच्चे घर से नहीं निकल पाते हैं और इस प्रदूषण से दिल्ली मर रही है। दर्शकों से आग्रह किया की वह चंडीगढ़ को दिल्ली मत बनने दें। राजनेताओं को सुनना बंद करें और वैज्ञानिकों को सुनें, जो कह रहे हैं कि यदि हम अब कार्रवाई नहीं करते हैं तो हम अनकहे प्रलय का सामना करेंगे।
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