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अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सप्लायर गिरोह का 7वां सदस्य पकड़ा गया, दिल्ली के नेहरू प्लेस में पुलिस ने काबू पाया

क्राइम ब्रांच की टीम ने पाकिस्तान से भारत के कई राज्यों में ड्रग्स सप्लाई करने वाले गिरोह के सातवें सदस्य को गिरफ्तार किया है। ड्रग सप्लायर को दिल्ली के नेहरू प्लेस से गिरफ्तार किया गया है। आरोपित पंजाब में लुधियाना का रहने वाला है। इस गिरोह में आरोपित मनी कालरा की मुख्य भूमिका ड्रग्स से आने वाले पैसों को हवाले के जरिए पाकिस्तान अफगानिस्तान और यूएई भेजा था।

By Jagran NewsEdited By: Gurpreet CheemaUpdated: Sat, 19 Aug 2023 07:43 PM (IST)
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अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सप्लायर गिरोह का सातंवा सदस्य दिल्ली के नेहरू प्लेस में पकड़ा गया।
चंडीगढ़, कुलदीप शुक्ला। पाकिस्तान से भारत के कई राज्यों में ड्रग्स सप्लाई करने वाले गिरोह के सातवें सदस्य को शनिवार क्राइम ब्रांच की टीम ने नेहरू पैलेस, दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की पहचान पंजाब के लुधियाना स्थित फेज-2 दुगरी निवासी 31 वर्षीय मनी कालरा के तौर पर हुई है।

इस गिरोह में आरोपित मनी कालरा की मुख्य भूमिका ड्रग्स से आने वाले पैसों को हवाले के जरिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और यूएई भेजा था। पुलिस का दावा है कि अभी तक मनी 350 करोड़ की ड्रग्स मनी हवाला के जरिए इन देशों में पहुंचा चुका है। इस काम में मनी का भाई सनी कालरा और पिता सुरेंद्र कालरा भी शामिल हैं। इनकी भी जल्द गिरफ्तारी होगी।

एसपी मृदुल ने बताया कि इसी जुलाई माह में क्राइम ब्रांच के एसपी केतन बंसल के निर्देशानुसार डीएसपी उदयपाल और इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह के सुपरविजन में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सप्लायर गिरोह का भंड़ाफोड़ हुआ था। इसी में आरोपित फिरोजपुर निवासी चंदन से पूछताछ से आधार पर गिरोह में हवाला के जरिए पैसे का कारोबार संभालने वाले मनी कालरा को गिरफ्तार किया है।

मनी के पिता-भाई भी शामिल, दुबई में शैल कंपनियां

आरोपित मनी कालरा के भाई सनी कालरा की दुबई में शैल कंपनियां हैं। यह दोनों आपस में इन कंपनियों के जरिए ट्रेड करके पैसे का आदान-प्रदान करते थे। इन्हीं कंपनियों के जरिए आरोपित दोनों भाई ड्रग्स से कमाए पैसों की हेराफेरी करते है। आरोपित का पिता सुरेंद्र कालरा विदेश में बैठा है।

यह तीनों पुलिस के अलावा अलग-अलग यूनिटों के वांटेड हैं। इन तीनों का नाम एक यूनिट द्वारा पकड़े एक ड्रग केस में आया था, लेकिन अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम भी मनी की तलाश में थी।

इस तरह पकड़ा गिरोह, फिर मनी तक पहुंची पुलिस

क्राइम ब्रांच की टीम ने 27 जुलाई से 29 जुलाई के बीच गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इसमें शुभम जैन, पंजाब के फिरोजपुर निवासी पुनीत कुमार, पवनप्रीत सिंह, चंदन, रविंदर पाल और मोंगा निवासी जगजीत शामिल थे।

इन आरोपितों से 78 लाख 38 हजार 200 रुपये नगदी, 200 ग्राम हेरोइन, 108 ग्राम आइस, एक देसी पिस्टल और छह कारतूस मिले थे। इसमें मुख्य देश में गिरोह का मुख्य संचालक चंदन नाम के व्यक्ति से पूछताछ में मनी कालरा का नाम सामने आया था। चंदन ने पिछले दिनों ही 6.5 लाख रुपया मनी कालरा को ट्रांसफर किए थे। इसी आधार पर मनी तक पुलिस पहुंची है।

आस्ट्रेलिया में बैठा गिरोह का सरगना

इस गिरोह का सरगना सिमरन सिंह आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में बैठकर अपने पाकिस्तानी साथी आरिफ डोगर के साथ मिलकर ड्रग्स का सिंडीकेंट संचालित कर रहा है। सिमरन को मोहाली पुलिस ने साल 2018 में गिरफ्तार किया था। दोनों सरगना पाकिस्तान के बार्डर एरिया से ड्रग्स की भारत में तस्करी करवाते हैं।जमानत पर बाहर आने के बाद सिमरन फरार हो गया था।

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