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Amar Singh Chamkila Profile: एक सफर धनीराम से अमर सिंह 'चमकीला' तक... सिर्फ एक एल्बम ने बदल दी थी जिंदगी

अमर सिंह चमकीला (Amar Singh reason for murder) अगर आज जीवित होते तो अपनी बायोपिक देखकर शायद काफी भावुक होते। 80 के दशक में पंजाब के सबसे लोकप्रिय गायक चमकीला इलेक्ट्रीशियन बनना चाहते थे। घर की परिस्थितियां कुछ ऐसी रहीं कि उन्हें कपड़ों की एक मिल में काम करना पड़ा। उन्हें शुरू से ही संगीत का शौक था। इसीलिए उन्होंने शुरुआत में ही हारमोनियम और ढोलकी बजाना सीख लिया था।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Thu, 18 Apr 2024 08:23 PM (IST)
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एक सफर धनीराम से अमर सिंह 'चमकीला' तक
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। हाल ही में Netflix पर रिलीज हुई 'चमकीला' फिल्म देखने के बाद लोगों में अमर सिंह को जानने का क्रेज बढ़ गया है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर लुधियाना में एक छोटे से गांव का रहने वाला व्यक्ति कैसे 'एल्विस ऑफ पंजाब' बन गया। कैसे इतने लोकप्रिय गायक की उनके अखाड़े से पहले हत्या कर दी गई। साथ ही लोग ये भी जानना चाह रहे हैं कि उनके परिवार में कौन-कौन है और कहां रहते हैं। इस लेख में आपके उन सभी सवालों का जवाब मिलेंगे, जो आपके दिमाग में चल रहे हैं।

धनीराम से अमर सिंह चमकीला तक का सफर

तो बात 1960 की है जब 21 जुलाई के दिन लुधियाना के पिंड डुगरी में एक दलित सिख परिवार में धनीराम का जन्म हुआ। धनीराम इलेक्ट्रिशियन बनना चाहते थे। लेकिन घर का आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनका ये सपना पूरा नहीं हो पाया। उन्हें कपड़े की एक मिल में काम करके गुजर-बसर करना पड़ा।

हालांकि, इसके साथ ही उन्हें संगीत में शुरू से ही दिलचस्पी थी। शायद इसीलिए शौक-शौक में धनीराम ने हरमोनियम और ढोलकी भी सीख ली। अब एक समय ऐसा आया जब धनीराम ने मिल में काम करने के साथ-साथ गाने लिखना भी शुरू कर दिया।

फिर उस्ताद सुरिंदर शिंदा के लिए भी गाने लिखे, इस समय उनकी उम्र केवल 18 साल थी। उस्ताद शिंदा ने ही धनीराम का नाम बदलकर अमर सिंह चमकीला रखा। चमकीला यानी कि चमकने वाला। वैसे अमर सिंह उस दौर के सबसे चमकने वाले सितारे ही थे। साल 1977 के दौरान उस्ताद सुरिंदर शिंदा का एक गाना काफी सुपरहिट हुआ था। ये गाना चमकीला ने ही लिखा था।

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चमकीला की पहली एल्बम

  • ठीक तीन साल बाद 1980 में चमकीला की पहली एलबम रिलीज हुई थी। इसका नाम 'टकुए ते टकुआ खड़कू' था। इस एलबम ने चमकीला को कामयाबी के शिखर पर पहुंचा दिया था। इसमें उन्होंने सुरिंदर सोनिया के साथ गाना गाया था। अब चमकीला और सुरिंदर मिलकर अखाड़ों लगाने लगे थे। हालांकि, उनकी जोड़ी ज्यादा दिन टिक नहीं पाई थी। इसके बाद चमकीला ने अमरजोत कौर के साथ जोड़ी बनाई और अखाड़े लगाने लगे। (Amar Singh Chamkila songs controversy)
  • अमर सिंह चमकीला को अमरजोत से नजाने कब प्यार हो गया और उन्होंने उनके साथ जिंदगीभर के लिए जोड़ी बना ली। चमकीला और उनकी पत्नी अमरजोत ने एक से एक सुपरहिट गाने दिए। एक गाना जो आज भी काफी प्रसिद्ध है। उसके बोले कुछ इस प्रकार हैं- कन कर गुल सुन मखना... प्यार दा तेनू मैं वल दसना...
  • जितनी जल्दी चमकीला की लोकप्रियता पंजाब में बढ़ी उतनी ही तीव्रता से उनके दुश्मनों की संख्या भी बढ़ने लगी। प्रशंसकों की बढ़ोतरी के साथ कई समकालीन गायकों के मन में उनके प्रति ईर्ष्या भी उत्पन्न हो गई थी।

चमकीला के शव पर चिट्ठी रख कातिलों ने पाया भांगड़ा!

अमर सिंह चमकीला की हत्या आज से करीब 35 साल पहले हुई थी, जब वे केवल 27 वर्ष के थे। 80 के दशक में अमर सिंह चमकीला एकमात्र ऐसे गायक थे जिनके सबसे अधिक कैसेट रिकॉर्ड होते थे और लोग इन्हें काफी पसंद भी करते थे।

करीब 8 साल म्यूजिक इंडस्ट्री में राज करने के बाद चमकीला और उनकी पत्नी की कुछ अलगाववादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। जिस दिन चमकीला और उनकी पत्नी की हत्या हुई, वे लोग अखाड़ा लगाने ही जा रहे थे। 'अखाड़ा' उस दौर में लाइव म्यूजिक इवेंट को कहा जाता था।

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, चमकीला के हत्यारों ने उनके शव पर चिट्ठी रखकर भांगड़ा किया था। हालांकि, दैनिक जागरण इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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कहां है चमकीला का परिवार?

अमर सिंह चमकीला और अमरजोत के एक बेटे भी हैं, जिनका नाम जयमान चमकीला है। वे भी म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। चमकीला की पहली पत्नी लुधियाना में ही रहती हैं। कुछ दिन पहले मुंबई में चमकीला फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी। इस दौरान मेकर्स ने अमर सिंह चमकीला की पहली पत्नी गुरमेल और अमरजोत के बेटे जयमान को भी आमंत्रित किया था। फिल्म देखने के बाद गुरमेल कौर ने दिलजीत दोसांझ को गले से लगाया था।

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