Punjab News: 'पुरानी एपीएमसी को लागू करें, नहीं तो करेंगे संघर्ष'; आढ़तियों ने केंद्र सरकार को दिया अल्टीमेटम
आढ़तियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला कर लिया है। आढ़तियों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार ने पुरानी एपीएमसी को लागू नहीं किया तो वह संघर्ष के लिए मजबूर हो जाएंगे। आढ़ती एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि किसानों को हमसे कोई समस्या नहीं है। लेकिन केंद्र सरकार मल्टीनेशनल कंपनियों का फायदा पहुंचाने के लिए हमें साइड कर रही है।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। उत्तर भारत के छह राज्यों के आढ़ती एसोसिएशनों ने पुरानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (एपीएमसी) योजना को पुनः लागू करने की मांग की है। एसोसिएशन का आरोप है कि केंद्र सरकार अनाज खरीद सिस्टम से आढ़तियों को बाहर करने की साजिश रच रही है। इसके लिए साइलो बनाने के लिए जो शर्तें रखी हैं उसमें बड़ी कंपनियां ही शामिल हो सकती हैं। केंद्र सरकार को इन शर्तों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
रविवार को किसान भवन में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश व यू.टी. चंडीगढ़ के आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्र सरकार अगर 28 सितंबर तक आढ़तियों की मांगी नहीं मानती हैं तो वह संघर्ष करेंगे। इसके लिए एक मांग पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को सीधा भेजा गया है।
आढ़ती एसो. के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता व पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रविंदर सिंह चीमा ने कहा कि देश में पंजाब व हरियाणा का मंडी खरीद सिस्टम सबसे बेहतर है और उसी को केंद्र सरकार द्वारा एक एक्ट बनाकर देशभर में लागू किया गया था। आढ़ती, देश के एपीएमसी सिस्टम का अहम अंग रहा है और आढ़ती मात्र अढ़ाई फीसदी कमीशन पर काम करता है।
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'केंद्र सरकार आढ़तियों को उन्हीं के धंधे से बाहर कर रही है'
उन्होंने कहा कि किसान और फसल खरीद के बीच मौजूद अहम कड़ी आढ़ती से देश के किसी भी किसान को कभी भी कोई शिकायत नहीं रही, लेकिन मौजूदा दौर में मल्टीनेशनल कंपनियों को अनाज खरीद में फायदा देने व भविष्य में देश के अनाज पर एकछत्र कंट्रोल करने की मंशा के साथ केंद्र सरकार नीतियों की अनदेखी करके व नियमों में मनचाहे बदलाव करके आढ़तियों को उन्हीं के धंधे से बाहर कर रही है।
रविंदर सिंह चीमा ने कहा कि न सिर्फ अनाज, बल्कि कॉटन जैसे अन्य फसल उत्पादों की खरीद से भी आढ़तियों को बाहर किया जा रहा है, ठीक ऐसे ही हिमाचल प्रदेश में भी मंडियों से आढ़तियों के कारोबार को बाहर किया जा रहा है। पंजाब में जो साइलो बनाए गए हैं उसके नियम ही इस प्रकार से तैयार किए गए कि उसका लाभ मल्टीनेशनल कंपनियों को हो।
'प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा जा रहा पत्र'
चीमा ने कहा कि इसके लिए लंबी चर्चा के बाद एक मांग पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा जा रहा है। यदि इन पर केंद्र सरकार द्वारा 28 सितंबर तक कोई जवाब न दिया गया तो देशभर की आढ़ती एसोसिएशनों की बैठक करके न सिर्फ संघर्ष करेंगे, बल्कि चुनावी राज्यों में जाकर सरकारी नीतियों का भंडाफोड़ भी करेंगे।
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