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Dr. Rajbahadur Regignation: आप ने स्वास्थ्य मंत्री का किया बचाव , डा. राजबहादुर पर उठाए सवाल

Dr. Raj Bahadur Resignation आम आदमी पार्टी ने बाबा फरीद मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के वाइसचांसलर डा. राजबहादुर के इस्तीफे पर सियासत गर्मा गई है। आम आदमी पार्टी ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंंह जौड़माजरा का बचाव किया है। पार्टी प्रवक्ता ने डा. राजबहादुर पर भी सवाल उठाए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 30 Jul 2022 07:08 PM (IST)
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डा. राजबहादुर को स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़माजरा के सूलूक पर पंजाब मेंं विवाद बढ़ गया है। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो.चंडीगढ़। Dr. Raj Bahadur Resignation: बाबा फरीद मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. राजबहादुर के साथ पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री के सुलूक को लेकर राज्य में सियासत गर्मा गई है। इस घटना के बाद डा. राजबहादुर ने इस्तीफा दे दिया। पूरे मामले निशाने पर आने के बाद आम आदमी पार्टी ने स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़माजरा का बचाव किया है। इसके साथ ही पार्टी ने डा. राजबहादुर पर भी सवाल उठाए हैं। दूसरी ओर, सीएम भगवंत मान ने पूरे मामले पर कहा कि विवाद का बेहतर तरीके से हल किया जा सकता था।

सीएम भगवंत मान ने कहा- विवाद का बेहतर तरीके से समाधान हो सकता था

डा. राज बहादुर के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री और वीसी के बीच हुए इस विवाद को बेहतर तरीके से हल किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि डाा. राज बहादुर मेरे अच्छे दोस्ते हैं और वह उन्हें तब से जानते हैं जब वह सेक्टर 32 के मेडिकल कालेज में थे। उन्होंने मेरे पिता की स्पाइनल इंजरी का इलाज किया था। वह एक अच्छे डाक्टर हैं। इस तरह के विवाद हो जाते हैं लेकिन मेरा मानना है कि इसे बेहतर तरीके से हल किया जा सकता था।  

उधर आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग  ने शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि जब एक कुत्ता मर जाता है तो विपक्ष मुख्यमंत्री को जिम्मेवार ठहराने लगता है। ऐसे में अगर किसी संस्थान में सुविधाएं सही तरीके से नहीं मिल रही हैं तो उसका प्रमुख उसके लिए जिम्मेवार क्यों नहीं है।

काबिले गौर है कि शुक्रवार को फरीदकोट स्थित मेडिकल कॉलेज में चेतन सिंह जौड़ा माजरा ने वीसी राज बहादुर को फटे हुए मैट्रेस पर लिटा दिया। इससे आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। विपक्षी पार्टियों पर बरसते हुए मालविंदर कंग ने कहा कि जब किसी गरीबी आदमी के परिवार को स्वास्थ्य सुविधा न मिलने पर जान गंवानी पड़ती है तब ये पार्टियां एक शब्द नहीं बोलतीं। अगर हमारा स्वास्थ्य मंत्री फील्ड में जाकर समस्याओं को देख रहा है तो उन पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जौड़ामाजरा वीसी को जो बेड दिखा रहे थे वह चमड़ी रोग विभाग का था क्या इससे अंदाजा नहीं लगता कि लोगों को कैसी सुविधाएं मिल रही हैं। मालविंदर कंग ने कहा कि हम डॉक्टरों का आदर करते हैं। कल की घटना दुखद है। मंत्री का किसी को अपमानित करने का इरादा नहीं था बल्कि गरीबों को सही इलाज और सुविधाएं मिलें उनकी मंशा केवल इतनी थी। हमारे मन में डा.  राज बहादुर के प्रति सम्मान है। मैं उन्हें निजी तौर पर भी जानता हूं।

कंग ने कहा कि हमारे मंत्री की इच्छा सभी अस्पतालों में जाकर उनकी सुविधाओं के बारे में जानना है। ऐसा नहीं है कि वह केवल डाक्टरों का अपमान करने के इरादे से जा रहे हैं,  बल्कि बठिंडा में उन्हें सुविधाएं अच्छी लगीं तो उन्होंने इसकी प्रशंसा भी की।

डॉक्टरों द्वारा दिए जा रहे इस्तीफे पर उन्हाेंने कहा कि समस्या का समाधान किसी के इस्तीफा देने या माफी मांगने से नहीं है। हमें देखना चाहिए कि कैसे लोगों का इलाज हो रहा है और उन्हें कैसी सुविााएं मिल रही हैं। जौड़ामाजरा की क्वालिफिकेशन पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर कंग ने कहा कि बलबीर सिंह सिद्धू ने कौन सी एमबीबीएस की डिग्री थी। ओपी सोनी की क्या क्वालिफिकेशन थी।

जूनियर डाक्टर भी उतरे डाा. राज बहादुर के समर्थन में

पंजाब के अस्पतालों में काम कर रहे जूनियर डाक्टर भी डॉ राज बहादुर के समर्थन में उतर आए हैं। उनकी यूनियन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि इस तरह के व्यवहार से काडर हतोत्साहित है।

विपक्षी पार्टियां भी बिफरी

बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के साथ दुर्रव्यवहार की शिरोमणि अकाली दल ने आलोचना करते हुए स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिह जौड़ामाजरा को बर्खास्त करने की मांग की है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि डा.  राज बहादुर के इस्तीफे बाद जिस तरह से और विशेषज्ञ डाक्टर भी इस्तीफे दे रहे हैं उससे पंजाब का नाम खराब हो रहा है।

विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री से विधायकों को प्रशिक्षण देने की मांग की और कहा कि कहीं जाने से पहले उन्हें पता होना चाहिए कि उन्हें क्या करना है। उन्होंने कहा कि यदि स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा नहीं देते तो मुख्यमंत्री ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएं।

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