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Punjab News: भ्रष्टाचार पर आप सरकार की जीरो टालरेंस नीति, अब तक 400 से अधिक भ्रष्टाचारियों जेल के अंदर

24 मई 2022 का दिन पंजाब के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। इस दिन मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद सामने आकर कहा कि उनके स्वास्थ्य मंत्री डा. विजय सिंगला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। वह उन्हें अपनी कैबिनेट से बर्खास्त कर रहे है। डा. विजय सिंगला न सिर्फ कैबिनेट से बर्खास्त किए गए बल्कि विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav TiwariUpdated: Tue, 17 Oct 2023 02:24 PM (IST)
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पंजाब में भ्रष्टाचार को लेकर की गई हर शिकायत की जांच की जाती है।
चंडीगढ़। भगवंत सिंह मान ने 16 मार्च, 2022 को शहीद-ए-आजम भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहादत दिवस के मौके पर भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग की शुरुआत कर दी। मुख्यमंत्री ने पंजाब से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए वाट्स ऐप नंबर 9501200200 जारी किया।

24 मई 2022 का दिन पंजाब के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। इस दिन मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद सामने आकर कहा कि उनके स्वास्थ्य मंत्री डा. विजय सिंगला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। वह उन्हें अपनी कैबिनेट से बर्खास्त कर रहे है। डा. विजय सिंगला न सिर्फ कैबिनेट से बर्खास्त किए गए बल्कि विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया।

पंजाब के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब भ्रष्टाचार का आरोप सार्वजनिक हुए बिना किसी सरकार ने अपने किसी मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त किया। जबकि पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री साधू सिंह धर्मसोत पर पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला करने को आरोप लगे सारे साक्ष्य भी सामने आए लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मंत्री का इस्तीफा नहीं लिया।

नहीं सहा जाएगा भ्रष्टाचार

अपने मंत्री पर कार्रवाई करके मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी पंजाबियों को यह संदेश दे दिया कि भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जीरो टालरेंस नीति रहेगी फिर चाहे उनकी कैबिनेट का मंत्री हो या विधायक। इसके बाद पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचारियों पर नकेल कस दी। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद विजिलेंस ब्यूरो की ओर से राज्य सरकार में मंत्रियों से लेकर आइएएस अधिकारियों तक नहीं बख्शा गया। विजिलेंस की ओर से कांग्रेस सरकार में कैबिनेट में रहे आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के खिलाफ विजिलेंस जांच की जा रही है जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी भरत इंदर सिंह चाहल भी शामिल है।

आईएएस अधिकारी भी चढ़े भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के हत्थे

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की भ्रष्टाचार विरोधी जंग केवल राजनीति लोगों तक ही सीमित नहीं रही बल्कि प्रशासनिक अधिकारी भी इसके हत्थे चढ़े। विजिलेंस ने 20 जून 2022 को आईएएस अधिकारी संजय पोपली को विजिलेंस को गिरफ्तार किया। विजिलेंस ने जब संजय पोपली के घर की जांच की तो उनके घर से 1-1 किलो के 9 सोने की ईंट, 49 सोने के बिस्किट जिसका वजन 3,160 ग्राम था, 12 सोने के सिक्के जिसका वजह 356 ग्राम था, 1-1 किलो के 3 चांदी की ईंट, 180 ग्राम के 18 चांदी के सिक्के बरामद किए गए। सोने और चांदी का बाजार मूल्य 6.62 करोड़ रुपये था। इसके अतिरिक्त 4 एप्पल आई फोन, एक सैमसंग का फोल्ड होने वाला फोन, 2 सैमसंग के स्मार्ट घड़ी, 500-500 के 700 भारतीय रुपया (3.50 लाख), जोकि नोटबंदी के बाद बंद हो गए थे पाए गए।

यही नहीं औद्योगिक प्लाट तबादले मामले में विजिलेंस ने पूर्व उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा समेत कई अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज किया। सुंदर शाम अरोड़ा बाद में इसी मामले में 15 अक्टूबर 2022 को एआईजी मनमोहन सिंह को 50 लाख रुपये की रिश्वत देने के मामले में गिरफ्तार किए गए। पंजाब के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला था जब कोई पूर्व मंत्री इतनी बड़ी रकम किसी अधिकारी को रिश्वत देने के मामले में रंगे हाथों पकड़ा गया गया। इस घटना से पहले विजिलेंस ने कांग्रेस सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रहे भारत भूषण आशु को गिरफ्तार किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ पंजाब सरकार की लड़ाई के दौरान विजिलेंस ने लुधियाना के एक पीसीएस अधिकारी को भी गिरफ्तार किया।

आम आदमी पार्टी की सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम यहीं नहीं रुकी। 16 फरवरी, 2023 को बठिंडा देहाती से आम आदमी पार्टी के विधायक अमित रतन कोटफत्ता पर एक सरपंच से 4 लाख रुपये की रिश्वत लेने का मामला आया। मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद 23 फरवरी को विधायक को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया। विधायक को जेल जाना पड़ा। इसी प्रकार 21 अप्रैल को जलालाबाद के आप विधायक गोल्डी कंबोज के पिता सुरेंदर कंबोज को भी पुलिस ने ब्लैकमेलिंग की शिकायत में गिरफ्तार किया। अहम बात यह रही कि अपनी ही सरकार होने के बावजूद किसी भी मामले में सरकार ने अपने विधायकों व मंत्रियों को बचाने की कोशिश नहीं की।

भ्रष्टाचार के विरुद्ध हमारी लड़ाई जारी है और रहेगी। भ्रष्टाचार बहुत पुरानी ऐसी बीमारी है जो खून तक पहुंच चुकी है। इस दिशा में जो हमने किया, आज तक पंजाब में क्या देश में किसी भी पार्टी की सरकार ने नहीं किया। हमने अपने मंत्रियों और विधायकों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर तुरंत कार्रवाई की। क्या इतिहास में किसी मुख्यमंत्री ने ऐसा किया है? कभी नहीं। क्योंकि भ्रष्टाचार अगर ऊपर से बंद कर देंगे तो नीचे भी बंद हो जाएगा। - मुख्यमंत्री भगवंत मान

भ्रष्टाचार के खिलाफ पंजाब सरकार की जंग

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार बनने के बाद सबसे पहली जंग भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई। तब से लेकर 30 सितंबर 2023 तक हजारों लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई। पंजाब को भ्रष्टाचार के मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अपने और पराये, कद्दावर राजनेता और छोटे मुलाजिम की सीमाओं को तोड़ दिया। भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को भी जेल जाना पड़ा तो एक पीसीएस अधिकारी को भी। आईएएस अधिकारी भी विजिलेंस के शिकंजे में आए तो रिश्वत मांगने वाले पटवारी भी।

आंकड़े बताते हैं कि पिछले करीब डेढ़ वर्षों में विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के मामले में 169 ट्रैप लगाए और 218 लोगों को गिरफ्तार किया जोकि अपने आप में एक रिकार्ड है। इसी दौरान विजिलेंस ने 217 क्रिमिनल केस दर्ज किए और इन केसों में 259 लोगों की गिरफ्तारी की। इस दौरान विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति बनाने के आरोप में 15 केस दर्ज किए और 10 लोगों को गिरफ्तार किया। पिछले 18 माह के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में विजिलेंस ने 401 केस दर्ज किए और 487 लोगों को गिरफ्तार किया।

हरेक शिकायत की होती हैं जांच

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा जारी किए गए एंटी करप्शन एक्शन लाइन पर 10,050 शिकायतें आडियो व वीडियों समेत प्राप्त हुईं। जिसमें से 4933 शिकायतें विभिन्न विभागों से संबंधित होने के कारण उन विभागों को प्रेषित कर दिया गया। विजिलेंस ब्यूरो ने 561 आडियो और वीडियो को संबंधित जिलों के एसएसपी से जांच करवाई। इनमें से 113 शिकायतों के ऊपर एफआईआर दर्ज की गई। जिस आधार पर 145 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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