Move to Jagran APP

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार AAP विधायक को हाईकोर्ट से मिली जमानत, 41 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का है आरोप

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा (Jaswant Singh Gajjan Majra) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है। गज्जन माजरा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनी तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जरिए एक बैंक से 41 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है।

By Dayanand Sharma Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 04 Nov 2024 07:07 PM (IST)
Hero Image
आम आदमी पार्टी के विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा को हाईकोर्ट से मिली जमानत। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा की जमानत याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है। उन्हें सोमवार को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। हाईकोर्ट के जस्टिस महाबीर सिंह सिंधू ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पिछले सप्ताह इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अमरगढ़ से आम आदमी पार्टी के विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा को गत वर्ष ईडी ने गिरफ्तार किया था। गज्जन माजरा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनी तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जरिए एक बैंक से 41 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी।

निचली अदालत ने खारिज कर दिया था जमानत याचिका

उसी मामले में गज्जन माजरा के खिलाफ ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उन्होंने मोहाली की जिला अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी।

मोहाली की अदालत ने उन्हें किसी भी राहत से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया था। निचली अदालत से याचिका खारिज होने के बाद अब उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली थी।

यह भी पढ़ें- पंजाब में बदली उपचुनाव की तारीख, अब इस दिन होगा मतदान; आयोग का बड़ा फैसला

एमएस बरनाला बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के खिलाफ याचिका दाखिल

वहीं, एक दूसरे खबर की बात करें तो,  एमएस बरनाला बिल्डर्स एंड डेवलपर्स पर तीन कॉलोनियां काटने और इनमें से किसी में भी नियमों के अनुसार 5 प्रतिशत क्षेत्र आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित न करने का आरोप लगाते हुए जहित याचिका दाखिल की गई है।

याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका दाखिल करते हुए भगवंत राय ने हाईकोर्ट से एमएस बरनाला बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के खिलाफ कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है।

हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

याची ने बताया कि बिल्डर ने 3 कॉलोनियों का विकास किया है, जो रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण के तहत पंजीकृत हैं। उन कॉलोनियों के लिए कई विस्तार भी किए गए हैं। इन कॉलोनियों के कुल क्षेत्रफल में से समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के व्यक्तियों के लिए आरक्षित किए जाने वाले 5% को न तो ईडब्ल्यूएस व्यक्तियों को आवंटित किया गया है और न ही कॉलोनियों की भूमि का उक्त हिस्सा नगर परिषद, बरनाला को स्थानांतरित किया गया है।

याचिकाकर्ता द्वारा दायर की गई कई शिकायतों के बावजूद सरकार की तरफ से पत्राचार के अतिरिक्त और कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस प्रकार प्रावधानों का पालन न कर बिल्डर ने सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है। हाईकोर्ट ने याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद यचिका पर पंजाब सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेशदिया है।

यह भी पढ़ें- जिन पुलिसकर्मियों ने दो साल पहले किया था गिरफ्तार, जमानत पर छूटते ही आरोपी ने उन्हीं पर कर दिया हमला

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।