Punjab: PSIEC प्लॉट घोटाले में शामिल कर्मचारियों पर होगा एक्शन, विजिलेंस ने शुरू की जांच प्रक्रिया; CM मान ने दिए निर्देश
PSIEC प्लॉट घोटाले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर विजिलेंस का एक्शन शुरू हो गया है। ब्यूरो की ओर से कर्मचारियों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ध्यान रहे कि इससे पहले ब्यूरो की ओर से लगभग 100 प्लॉट मालिकों को नोटिस जारी किए गए है। यह नोटिस उन लोगों को भेजे गए है जो निर्माण कार्य शुरू करने में असफल रहे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब स्माल स्केल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (पीएसआइइसी) में प्लॉट घोटाले में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों को नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है। अगले सप्ताह ब्यूरो की ओर से पूछताछ के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस घोटाले में पूर्व व मौजूदा आइएएस अधिकारियों का भी नाम है।
ब्यूरो की ओर से कर्मचारियों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ध्यान रहे कि इससे पहले ब्यूरो की ओर से लगभग 100 प्लॉट मालिकों को नोटिस जारी किए गए है। यह नोटिस उन लोगों को भेजे गए है जो नियम और शर्तों के तहत निर्माण कार्य शुरू करने में असफल रहे।
इन में से 42 नोटिस वापस आ गए है क्योंकि अलॉटियों की ओर से जो पते दिए गए थे वह गलत थे। जोकि एक बड़े घोटाले का संकेत है। जिन अलॉटियों को नोटिस मिल चुके है उन्हें भी ब्यूरो में अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जाएगा।
2018 में जांच में ठहराया गया था दोषी
ध्यान रहे कि पूर्व कांग्रेस सरकार में हुए इस घोटाले में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पीएसआइइसी के उन भ्रष्ट अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी है, जिन्हें विजिलेंस ब्यूरो की 2018 में की गई जांच में दोषी ठहराया गया था। इनमें तीन सेवानिवृत आइएएस अधिकारी जो अन्य आरोपितों के साथ पहले ही भाग निकले थे।
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ब्यूरो की जांच को दरकिनार कर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फर्जी पत्र के आधार पर हुए प्लॉट घोटाले की विभागीय जांच के लिए आईएएस अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। जिन्हें आवंटन एवं ट्रांसफर घोटाले की जांच सौंपी गई। ब्यूरो की ओर से जांच के बाद दोषी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी जोकि नहीं दी गई थी।
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