Lawrence Bishnoi के जेल से किए इंटरव्यू पर ADGP तलब, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- आकर दें जवाब
जेल में लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू के 8 माह बाद भी जांच पूरी न होने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए एडीजी जेल को तलब कर लिया है। इसके साथ ही जेल परिसर में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा सौंपने का हरियाणा पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश जारी किया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जेल में लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू के 8 माह बाद भी जांच पूरी न होने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए एडीजी जेल को तलब कर लिया है। इसके साथ ही जेल परिसर में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा सौंपने का हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश जारी किया है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने बताया कि इंटरव्यू मामले में जांच को लेकर सरकार ने एसटीएफ के स्पेशल डीजीपी और एडीजीपी जेल की दो सदस्यों वाली कमेटी गठित की थी। इस मामले में अभी जांच विचाराधीन है और इसे पूरा करने के लिए डेढ़ माह की मोहलत दी जाए।
8 माह तक जांच नहीं हुई पूरी
हाईकोर्ट ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा कि इतना गंभीर मामला होने के बावजूद 8 माह में जांच तक पूरी नहीं हुई है। ऐसे में एडीजीपी जेल अगली सुनवाई पर खुद हाजिर होकर जवाब दें। इसके साथ ही हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन को भी जेल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को रोकने के लिए उठाए कदमों का ब्योरा सौंपने का आदेश दिया है।
जेल से फिरौती की कॉल पर हाईकोर्ट गंभीर
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि जेल से भी गैंगस्टरों का मोबाइल फोन इस्तेमाल करना और फिरौती के लिए कॉल करना गंभीर विषय है। इसको रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाना बेहद जरूरी है। सरकार ने यदि इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया तो हम आदेश जारी करने को मजबूर हो जाएंगे।
दोषियों की जिम्मेदारी तय करने की मांग, नोटिस
याचिका में अर्जी दाखिल करते हुए एडवोकेट गौरव भैया ने मामले में पक्ष बनाने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने अर्जी में इंटरव्यू के लिए दोषियों की जिम्मेदारी तय करने की अपील की है। हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए अब पंजाब सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
यह था मामला
मामला संगरूर की जेल से जुड़ा है जहां पर पॉक्सो एक्ट में विचाराधीन कैदी द्वारा पीड़िता को मोबाइल से जेल का वीडियो भेजने की अदालत को जानकारी दी गई थी। सिंगल बेंच के समक्ष कैदी की नियमित जमानत याचिका विचाराधीन थी। जेल में कैदियों के मोबाइल इस्तेमाल को बेहद गंभीर मामला बताते हुए सिंगल बेंच ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई आरंभ की तो इस दौरान लॉरेंस बिश्नोई के जेल से हुए इंटरव्यू का मुद्दा उठा और हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब तलब कर लिया था।