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Punjab News: DC के बाद अब 11 जिलों के SSP को कारण बताओ नोटिस जारी, पराली जलाने की घटनाओं में नहीं आई कोई कमी

पंजाब के 11 जिलों के एसएसपी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक डीजीपी कार्यालय की ओर से जारी किए गए नोटिस में पूछा गया है कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी न आने का क्या कारण है। अब तक इस पर क्या एक्शन लिया गया है। एसएसपी को सोमवार तक इसे लेकर जवाब देना होगा।

By Rohit KumarEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 18 Nov 2023 06:15 PM (IST)
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DC के बाद अब 11 जिलों के SSP को कारण बताओ नोटिस जारी (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्य में पराली जलने की घटनाएं नहीं रोकने पर 9 जिलों के डीसी को नोटिस जारी करने के बाद अब राज्य के 11 जिलों के एसएसपी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए है। जानकारी के मुताबिक डीजीपी कार्यालय की ओर से जारी किए गए नोटिस में पूछा गया है कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी न आने का क्या कारण है। अब तक इस पर क्या एक्शन लिया गया है।

825 के करीब मामले दर्ज किए गए

एसएसपी को सोमवार तक इसे लेकर जवाब देना होगा। उधर पराली जलाने की घटनाओं पर अब तक पुलिस की ओर से अलग-अलग जिलों में 825 के करीब मामले दर्ज किए गए हैं। जितने भी मामले दर्ज किए गए है उनको लेकर संबंधित जिलों में पुलिस व प्रशासन की ओर से जांच शुरू कर दी गई है। पराली को आग मालिक या श्रमिक किस ने लगाई।

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11 पुलिस जिले नौ राजस्व जिलों के आते हैं अधीन

पुलिस विभाग की ओर से बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर, लुधियाना, मोगा, मुक्तसर, संगरूर, जगराओं और खन्ना के एसएसपी से पराली जलाने को रोकने में सफलता न मिलने को लेकर में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।

ध्यान रहे कि 11 पुलिस जिले नौ राजस्व जिलों के अधीन आते हैं। जिनके डीसी पराली को जलाने से रोकने में उनकी विफलता के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए भी कहा गया है। जबकि नोटिस जारी करने वाले एसएसपी की संख्या डीसी से अधिक है।

किसान नेताओं के साथ अब तक 7000 से ज्यादा बैठकें

भौगोलिक क्षेत्र समान है क्योंकि एक राजस्व जिले के भीतर दो पुलिस जिले हैं। वहीं पुलिस की ओर से गांवों में लोग पराली न जलाए जिस लेकर पराली से स्वास्थ्य पर होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए गांवों के समूहों, ग्राम सरपंचों और किसान नेताओं के साथ अब तक 7000 से ज्यादा बैठकें की हैं।

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खेतों में आग की जांच के लिए पुलिस और स्थानीय अधिकारियों के 1,040 संयुक्त उड़न दस्ते बनाए गए हैं। पुलिस की ओर से लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।