Chandigarh News: बारिश के बाद एक बार फिर चढ़ने लगा पारा, इस तारीख को शहर में मानसून देगा दस्तक
चंडीगढ़ में पिछले हफ्ते पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश हुई थी लोगों के गर्मी से राहत मिली। लेकिन अब एक बार फिर गर्मी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया। वहीं आने वाले हफ्ते में भी बारिश की संभावना नहीं है और तापमान में बढ़ोतरी संभव है। वहीं इस हफ्ते लू चलने का पूर्वानुमान है। 26 जून को शहर में मानसून दस्तक देगा।
विकास शर्मा, चंडीगढ़। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से पिछले हफ्ते हुई बारिश से मिली का राहत असर अब खत्म होने लगा है। पारा एक फिर पारा चढ़ने लगा है और गर्मी लोगों को सताने लगी है।
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले हफ्ते में बारिश की संभावना नहीं है और तापमान में बढ़ोतरी होगी। अधिकतम तापमान एक बार फिर 44 डिग्री और न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस से पार जा सकता है। इसके अलावा उमस भी लोगों को परेशान करेगी।
इस हफ्ते से फिर लू चलने का पूर्वानुमान
मौसम विभाग की माने तो गर्मी से अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं हैं। मानसून जून के आखिरी सप्ताह तक शहर में पहुंच जाएगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से जारी मासिक पूर्वानुमान के अनुसार जून सामान्य से अधिक गर्म और शुष्क रहने की उम्मीद है।
यह पूर्वानुमान बहरहाल सच होता दिखाई दे रहा है शहर का अधिकतम और न्यूनतम तापमान एक बार चढ़ने लगा है। मौसम विभाग की माने तो इस हफ्ते से एक बार फिर लू चलने संभावना है।
औसत से अधिक मानसून होने का पूर्वानुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी लंबी दूरी मौसम (लांग रेंज फारकास्ट) के पूर्वानुमान पर नजर डाले तो इस बार औसत से अधिक मानसूनी बारिश होने की संभावना है।
महीने के अंत में चंडीगढ़ पहुंच सकता मानसून
मौसम विभाग चंडीगढ़ के निदेशक एके सिंह ने बताया कि प्रारंभिक पूर्वानुमान के अनुसार मानसून महीने के अंत तक चंडीगढ़ में पहुंचने वाला है। बावजूद इसके भारतीय मानसून दक्षिण अमेरिकी अल नीनो और ला नीना पर बहुत अधिक निर्भर रहता है। जिन वर्षों में अल नीनो मजबूत होता है, मानसून कमजोर हो जाता है।
हालांकि, जब ला नीना मजबूत होता है तो मानसून सीजन में औसत से अच्छी बारिश होती है। इस लिहाज से इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। पिछले 30 वर्षों का औसत को देखा जाए तो चंडीगढ़ में मानसून की शुरुआत की सामान्य तारीख 26 जून है। भारत में मानसून तय समय से पहले ही आ चुका है और कर्नाटक और केरल में बारिश जारी है।
पश्चिमी विक्षोभ का भी दिख सकता है असर
एके सिंह ने बताया ने बताया कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि पिछले मानसून की रिकार्ड तोड़ बारिश इस साल वापस आएगी या नहीं। पिछले साल मानसून और पश्चिमी विक्षोभ ने एक साथ मिलकर 8 जुलाई से 10 जुलाई के बीच केवल 48 घंटों में 531.6 एमएम बारिश कर दी थी।
पश्चिमी विक्षोभ की भविष्यवाणी करना कठिन है, लेकिन यह आमतौर मानसून सीजन में इसका असर दिख जाता है, हालांकि मानसून सक्रिय होने पर इसका असर कम दिखता है।
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