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CBG प्रोजैक्ट स्थापित करने के लिए PEDA और HPCL के बीच समझौता, पंजाब में लगाई जाएंगी 10 कम्प्रैस्ड बायोगैस परियोजना

पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) ने राज्य में 10 कम्प्रैस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्रोजैक्ट लगाएगा। इसके लिए हिंदोस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के साथ पेडा ने एक समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग के सचिव डॉ. रवि भगत की मौजूदगी में पेडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अमरपाल सिंह और एचपीसीएल के कार्यकारी निदेशक ( बायो-ईंधन और नवीकणीय) शुवेंदू गुप्ता द्वारा यह समझौते किया गया।

By Inderpreet Singh Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sat, 28 Oct 2023 11:04 AM (IST)
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10 सीबीजी प्रोजैक्ट स्थापित करने के लिए पेडा और एचपीसीएल के बीच हुआ समझौता
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (PEDA) ने राज्य में 10 कम्प्रैस्ड बायोगैस (CBG) प्रोजैक्ट लगाने के लिए हिंदोस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) के साथ समझौता (MOU) सहीबद्ध किया है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग के सचिव डॉ. रवि भगत की मौजूदगी में पेडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अमरपाल सिंह और एचपीसीएल के कार्यकारी निदेशक (बायो-ईंधन और नवीकणीय) शुवेंदू गुप्ता द्वारा इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

HPCL करेगा 10 कम्प्रैस्ड बायोगैस प्रोजैक्ट स्थापित

शुवेंदू गुप्ता ने बताया कि एचपीसीएल द्वारा शुरू में लगभग 600 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 10 कम्प्रैस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्रोजैक्ट स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा राज्य में और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्टों को स्थापित करने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।

इन 10 सीबीजी प्लांटों के शुरू होने से सालाना 35,000 टन से अधिक बायोगैस और लगभग 8700 टन जैविक खाद के उत्पादन के साथ-साथ तकरीबन 300 करोड़ रुपए सालाना रैवेन्यू भी जैनरेट होगा। इन प्रोजेक्टों के साथ 600 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रूप से और 1500 व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

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पराली में आग लगाने की घटनाएं रुकेंगी

सीईओ डॉ. अमरपाल सिंह ने बताया कि इन 10 प्रोजेक्टों के शुरू होने से लगभग 1.10 लाख एकड़ क्षेत्रफल में पैदा होने वाली तकरीबन 2.75 लाख टन पराली का उपयोग होगा, जिससे पराली को आग लगाने की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।

500 से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

इन प्रोजेक्टों से लगभग 5.00 लाख टन सालाना कार्बन डाईऑक्साईड और अन्य प्रदूषकों के निकास को रोका जायेगा, जोकि सालाना 83,000 वृक्ष लगाने के बराबर है। इसके साथ ही इन प्लांटों को पराली की सप्लाई के लिए लगभग 50 ग्रामीण उद्यमियों को भी मौका मिलेगा, जिससे इन ग्रामीण उद्यमियों द्वारा 500 से अधिक और व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किये जाएंगे।

इस समझौते के लिए एच.पी.सी.एल. की टीम को बधाई देते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग के सचिव डॉ. रवि भगत ने उनको यह प्रोजैक्ट स्थापित करने के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

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