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'मोदी के बढ़े ग्राफ को नीचे लाना है मकसद...', भाकियू प्रधान डल्लेवाल का वीडियो आया सामने; अब आंदोलन पर खड़े हो रहे सवाल

Farmers Protest भाकियू प्रधान जगजीत सिंंह डल्लेवाल की एक वीडियो सामने आई है। इसमें वह पीएम मोदी के बारे में बात कर रहे हैं। डल्लेवाल बोलते दिखाई दे रहे हैं कि राम मंदिर के बाद मोदी का ग्राफ बढ़ गया है इसे नीचे लाना होगा। अब इस वीडियो के सामने आने से किसान आंदोलन पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

By Kailash Nath Edited By: Himani Sharma Updated: Thu, 15 Feb 2024 03:32 PM (IST)
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भाकियू प्रधान डल्लेवाल का वीडियो आया सामने (फाइल फोटो)

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। तीन दिन से पंजाब-हरियाणा की सीमा पर बैठे भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर और पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का मकसद किसानी मुद्दों (Farmers Protest) की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान खींचना था या राजनीति करना। यह सवाल खड़े होने लगे है।

भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjeet Singh Dallewal)का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि राम मंदिर बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ग्राफ बहुत बढ़ गया था। उसे नीचे लाना है।

डल्लेवाल ने वीडियो के मुद्दे पर नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

वीडियो में डल्लेवाल कहते सुनाई पड़ रहे हैं, ‘मैं गांव में बात करता था, मौका बहुत थोड़ा है और मोदी का ग्राफ बहुत ऊंचा, क्या थोड़े दिनों में हम ग्राफ नीचे ला सकते हैं।’ जब इस संबंध में डल्लेवाल से बात की गई तो उन्होंने न तो इस वीडियो को गलत बताया और न ही सही। उनका कहना था, यह मेरा अधिकारिक बयान नहीं है। डल्लेवाल कहते हैं, सरकार अहंकारी है। किसानों के प्रति सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाया हुआ है। किसानों पर मोर्टार से हमले किए गए।

— Himani Sharma (@hennysharma22) February 15, 2024

वीडियो से पूरे किसान आंदोलन पर खड़े हो रहे सवाल

प्रदर्शन होने पर आंसू गैस के गोले तो चलाए जाते थे, लेकिन मोर्टार से हमला नहीं किया जाता था। वहीं, डल्लेवाल के वीडियो से पूरे किसान आंदोलन पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए है। लोगों में चर्चा इस बात को लेकर थी ही कि आखिर अचानक ही इतना बड़ा आंदोलन कैसे खड़ा हो गया। 2020 में तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब के 34 किसान संगठन विरोध कर रहे थे,जबकि यह आंदोलन मात्र 2 किसान संगठनों द्वारा किया जा रहा है।

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क्‍या राजनीतिक मंशा के तहत किसानों ने शुरू किया ये आंदोलन?

डल्लेवाल के वीडियो सामने आने से संकेत मिल रहे है कि राम मंदिर बनने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जो छवि बनी थी, उसे गिराने के लिए राजनीतिक मंशा के तहत किसान आंदोलन को खड़ा कर लाखों लोगों को परेशानी में डाल दिया गया। डल्लेवाल ने जिस तहत से वीडियो में कहा, मौका बहुत थोड़ा है और मोदी का ग्राफ बहुत ऊंचा। जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि उद्देश्य लोक सभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगने से पहले मोदी के खिलाफ माहौल बनाने की थी। आचार संहिता लागू होने के बाद चुनावी गतिविधियों में आंदोलन को खड़ा नहीं किया जा सकता। हालांकि, डल्लेवाल का कहना है, ‘हमारा उद्देश्य किसी को नीचे लेकर आने की नहीं है।’

पंजाब का राजनीतिक माहौल बदला

बता दें कि 2019 में 10 मार्च को आचार संहिता लगी थी। इस बार भी माना जा रहा है अप्रैल माह में कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है। गौरतलब है कि पांच दिन पहले तक पंजाब का राजनीतिक माहौल काफी बदला हुआ था।

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शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच गठबंधन की बातचीत चल रही थी। जिसके कारण बहुजन समाज पार्टी ने शिअद के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया। जबकि आईएनडीआईए के घटक दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की संभावनाएं खत्म हो गई और दोनों ही पार्टियां आमने-सामने आ गई। ऐसे में किसान आंदोलन सामने आया और शिअद भाजपा का गठबंधन अधर में लटक गया।

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