चंडीगढ़ में लगे एयर प्यूरीफिकेशन टावर का रिपोर्ट कार्ड, सात दिन में 28 करोड़ क्यूबिक फीट हवा हुई साफ
शहर के ट्रांसपोर्ट चौक पर इंस्टॉल किए गए एयर प्यूरीफिकेशन टावर शहर की आबोहवा को साफ कर रहा है। टावर के पहले सात दिनों में ही चौक पर साफ हवा बहने लगी है। एक सप्ताह में यह टावर 28 करोड़ क्यूबिक फीट हवा को साफ कर चुका है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर के ट्रांसपोर्ट चौक पर इंस्टॉल किए गए एयर प्यूरीफिकेशन टावर से वाकई हवा बदल गई है। यह टावर कमाल कर रहा है। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने इसके परिणाम से संतुष्ट होकर शहर में पांच दूसरी जगह ऐसे टावर लगाने की तैयारी भी कर ली है। टावर के पहले सात दिनों में ही चौक पर साफ हवा बहने लगी है। एक सप्ताह में यह टावर 28 करोड़ क्यूबिक फीट हवा को साफ कर चुका है। इस साफ हवा को फिर से वापस वातावरण में छोड़ा गया है। प्रदूषण के दो मुख्य घटक पर्टिक्यूलेट मैटर (पीएम) 2.5 और पीएम 10 पर इस टावर का सबसे बड़ा असर देखने को मिल रहा है। पीएम 2.5 कम होकर एक तिहाई और पीएम 10 पांचवें हिस्से से भी कम रह रहा है।
यही दोनों घटक हवा की गुणवत्ता पर असर डालते हैं। बहुत छोटे आकार के यह कण हवा में तैरते रहते हैं। जब इस हवा को कोई व्यक्ति इनहेल यानी सांस लेता है तो यह शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति पर इनकी ज्यादा मात्रा काफी असर डालती है। इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्ल्यू स्काई के मौके पर सात सितंबर को टावर का उद्घाटन एडवाइजर धर्म पाल ने किया था।
सात दिनों में ऐसे पड़ा असर
सुबह और शाम वाहनों की आवाजाही सबसे अधिक होती है। ऑफिस टाइमिंग यानी सुबह 10 और शाम को पांच बजे के आस-पास वाहनों का फ्लो सबसे अधिक रहने से हवा में प्रदूषण भी इस वक्त ज्यादा होता है। बुधवार शाम पांच बजे चैक किया तो टावर की नोजल जो हवा अंदर खींच रही थी उसका पीएम-2.5, 53 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक फिट था प्यूरीफाई होकर बाहर निकल रही हवा में यह केवल 16 ही बच रहा था। इसी तरह से पीएम-10 तो 95 से घटकर 22 रह गया था। इसी तरह से तापमान में 15 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज हुई। टावर 18 घंटे में रोजाना 3.88 करोड़ क्यूबिक फीट हवा साफ करता है। सबसे खास बात यह है कि टावर पर लगी डिजिटल डिस्प्ले स्क्रीन पर रियल टाइम का डाटा अपडेट होता रहता है।