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एयर प्यूरीफिकेशन टावर की परफॉरमेंस से प्रशासन संतुष्ट

ट्रांसपोर्ट चौक पर इंस्टॉल किए गए एयर प्यूरीफिकेशन टावर को एक सप्ताह हो चुका है। एक सप्ताह में यह टावर 28 करोड़ क्यूबिक फिट हवा को साफ कर चुका है। इस साफ हवा को फिर से वापस वातावरण में छोड़ा गया है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 16 Sep 2021 07:39 AM (IST)
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एयर प्यूरीफिकेशन टावर की परफॉरमेंस से प्रशासन संतुष्ट

बलवान करिवाल, चंडीगढ़

ट्रांसपोर्ट चौक पर इंस्टॉल किए गए एयर प्यूरीफिकेशन टावर को एक सप्ताह हो चुका है। एक सप्ताह में यह टावर 28 करोड़ क्यूबिक फिट हवा को साफ कर चुका है। इस साफ हवा को फिर से वापस वातावरण में छोड़ा गया है। प्रदूषण के दो मुख्य घटक पर्टिक्यूलेट मैटर (पीएम) 2.5 और पीएम 10 पर इस टावर का सबसे बड़ा असर देखने को मिल रहा है। पीएम 2.5 कम होकर एक तिहाई और पीएम 10 पांचवें हिस्से से भी कम रह रहा है। यही दोनों घटक हवा की गुणवत्ता पर असर डालते हैं। बहुत छोटे आकार के यह कण हवा में तैरते रहते हैं। जब इस हवा को कोई व्यक्ति इनहेल करता है तो यह शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति पर इनकी ज्यादा मात्रा काफी असर डालती है। इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्ल्यू स्काई के मौके पर सात सितंबर को टावर का उद्घाटन एडवाइजर धर्म पाल ने किया था। पीएम 2.5, 53 से घटकर 16 रह गया

सुबह और शाम वाहनों की आवाजाही सबसे अधिक होती है। ऑफिस टाइमिग यानी सुबह 10 और शाम को पांच बजे के आस-पास वाहनों का फ्लो सबसे अधिक रहने से हवा में प्रदूषण भी इस वक्त ज्यादा होता है। बुधवार शाम पांच बजे चैक किया तो टावर की नोजल जो हवा अंदर खींच रही थी उसका पीएम-2.5, 53 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक फिट था प्यूरीफाई होकर बाहर निकल रही हवा में यह केवल 16 ही बच रहा था। इसी तरह से पीएम-10 तो 95 से घटकर 22 रह गया था। इसी तरह से तापमान में 15 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज हुई। टावर 18 घंटे में रोजाना 3.88 करोड़ क्यूबिक फिट हवा साफ करता है। सबसे खास बात यह है कि टावर पर लगी डिजिटल डिस्प्ले स्क्रीन पर रियल टाइम का डाटा अपडेट होता रहता है। टावर ऐसे साफ करता है हवा

देश का 25 मीटर हाइट वाला यह सबसे ऊंचा यह एयर प्यूरीफायर ट्रांसपोर्ट चौक के 500 मीटर रेडियस को कवर करता है। प्रदूषित हवा जाल लगे चैंबर नोजल से अंदर जाती है। यह चैंबर जमीन से 18 मीटर ऊंचाई पर है। फिर विभिन्न तरह की प्रदूषित हवा पर कई नोजल स्प्रे से पानी डलता है। इससे सभी हैवी पल्यूटेड एयर पर्टिकल्स बहकर ड्रेन ट्यूब में चले जाते हैं। जो वाटर टैंक में एकत्र होते रहते हैं। इसके बाद प्यूरीफाई हो चुकी हवा को वापस टावर के टॉप से वातावरण में छोड़ दिया जाता है। इन जगहों पर भी टावर लगेंगे

देश के सबसे ऊंचे इस टावर के परिणाम अच्छे रहे हैं। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी और पर्यावरण विभाग टावर की वर्किग से संतुष्ट हैं। अब शहर में ऐसी दूसरी जगहों पर यह टावर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके लिए अभी जिन जगहों का चयन किया गया है उनमें ट्रिब्यून चौक, सेक्टर-17 प्लाजा, प्रेस चौक, हाउसिग बोर्ड चौक, इंडस्ट्रियल एरिया, जेडब्ल्यू मेरियट चौक सहित अन्य लोकेशन शामिल है। कई और जगहों का सर्वे जारी है। एयर प्यूरीफिकेशन टावर जिस उद्देश्य से लगाया गया है वह इसकी वर्किंग से सिद्ध हो गया है। अभी तक एक सप्ताह में इसके परिणाम काफी अच्छे रहे हैं। यह प्रदूषित हवा को 74 फीसद तक साफ कर रहा है। जो बड़ी बात है। इनटेक और बाहर निकल रही हवा के तापमान में भी बड़ी गिरावट है। इसकी वर्किंग की मॉनीटरिग की जा रही है। आगे शहर में और ऐसी जगहों का चयन कर ऐसे टावर लगाकर एयर प्यूरीफाई की जाएगी।

- देबेंद्र दलाई, चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट, चंडीगढ़।

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