Punjab News: राम रहीम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं, अकाली दल ने कहा- बेअदबी के दोषियों को बचाना चाहती है सरकार
अकाली दल ने कहा कि सरकार बेअदबी कांड के दोषियों को सजा नहीं दिलवाना चाहती। यही कारण है कि आरोपी बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा कलेर को गिरफ्तार करने की कोशिश नहीं की गई। वरिष्ठ नेताओं नेआरोप लगाते हुए कहा कि यह सब कुछ केंद्रीय एजेंसियों और आम आदमी पार्टी द्वारा अकाली दल को हाशिए पर धलेकने की सोची समझी चाल का हिस्सा है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल का कहना है कि सरकार की पूरी कोशिश बेअदबी कांड के दोषियों को सजा न दिलवाने की तरफ है।
यही कारण है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अभी तक बेअदबी कांड में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह सब कुछ केंद्रीय एजेंसियों और आम आदमी पार्टी द्वारा शिअद को हाशिए पर धलेकने की सोची समझी चाल का हिस्सा है।
अकाली दल ने कहा कि सरकार बेअदबी कांड के दोषियों को सजा नहीं दिलवाना चाहती। यही कारण है कि आरोपी बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि कलेर को गिरफ्तार करने की कोशि
कलेर को गिरफ्तार करने की कोशिश नहीं की गई, जबकि वह घोषित अपराधी होने के बावजूद अपने घर में रह रहा था। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भाजपा नेताओं के साथ उसकी तस्वीर सार्वजनिक होने के बाद कलेर को गिरफ्तार किया गया।
'प्रदीप कलेर बने सरकारी गवाह'
पार्टी दफ्तर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, अर्शदीप कलेर आदि ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने वाले प्रदीप कलेर बेअदबी मामले में सरकारी गवाह बन गए हैं।
कलेर ने बेअदबी मामले में धारा 164 के तहत दर्ज बयान में अकाली दल के खिलाफ लगाए गए आरोपों का उल्लेख नहीं किया। उन्हें बताना चाहिए कि वह अब इन आरोपों को लगाने के लिए आगे क्यों आए, जबकि उन्हें 2007 में ही जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजीत सिंह आयोग के समक्ष पेश होने का अवसर मिला था।
'पंजाब और आप सरकार कलेर के साथ मिली है'
वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि केंद्र और पंजाब की आप सरकार कलेर के साथ मिली हुई है तभी कलेर को गिरफ्तार करने की कोशिश नहीं की गई, जबकि वह घोषित अपराधी होने के बावजूद अपने घर में रह रहा था।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भाजपा नेताओं के साथ उसकी तस्वीर सार्वजनिक होने के बाद कलेर को गिरफ्तार किया गया।
वरिष्ठ नेताओं ने कहा,‘पांच साल तक घोषित अपराधी होने के बावजूद कलेर को कुछ ही महीनों में जमानत दी गई, जिससे स्पष्ट पता चलता है कि उसका इस्तेमाल अकाली दल को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि कलेर से बेअदबी के जघन्य मामलों में उसकी भूमिका के बारे में नहीं पूछा गया? उससे पूछा जाना चाहिए था कि उसने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के ‘स्वरूप’ को कैसे लूटा तथा उसने उसे कहां रखा तथा उसको कैसे खुर्द-बुर्द किया गया?
'आम आदमी पार्टी की केंद्र से सांठगांठ'
अकाली नेताओं ने आप सरकार से यह भी सवाल किया कि फरीदकोट पुलिस प्रमुख के लिखित अनुरोध के बावजूद उसने डेरा प्रमुख राम रहीम पर धारा 495-ए के तहत अनुमति क्यों नहीं दी?
उन्होंने कहा, इससे पता चलता है कि हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राम रहीम पर नरम रुख अपनाने में आप सरकार की केंद्र सरकार के साथ सांठगांठ है।
नेताओं ने कहा कि कलेर ने दावा किया है कि डेरा सिरसा ने 2012, 2017 और 2019 में अकाली दल का समर्थन किया था, इसे सच नहीं माना जा सकता। यदि ऐसा था तो डेरे ने अब तक चुप्पी क्यों साधी हुई है?
ऐसा लगता है कि बागी अकालियों को लगा कि वह सुखबीर बादल को घेरने की कोशिश नाकाम हो गई है और इसी वजह से बेअदबी के मुद्दे पर बहस को दोबारा शुरू करने के लिए एक और ‘कलाकार’ तैयार किया गया है।
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