Punjab Politics: भाजपा और शिअद का गठबंधन तय, पीएम मोदी से मिलेंगे सुखबीर बादल; 16 तक हो सकती है ये अहम घोषणा
SAD and BJP Alliance भाजपा और शिअद का गठबंधन लगभग तय ही हो गया है। शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। वहीं बैठक में लोकसभा में सीटों का फॉर्मूला भी तय हो सकता है। सुखबीर बादल 16 तक गठबंधन की घोषणा भी कर सकते हैं। शिअद ने सितंबर 2020 में भाजपा के साथ ढाई दशक पुराने गठबंधन तोड़ लिया था।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल का गठबंधन लगभग तय हो गया है। शिअद के प्रधान सुखबीर बादल 11 या 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री से मुलाकात से पहले शिअद प्रधान की मुलाकात अमित शाह से होगी। इसमें ही लोक सभा में सीटों का फॉर्मूला तय हो जाएगा। वहीं, राज्य में पंजाब बचाओ यात्रा निकाल रहे सुखबीर बादल की यह यात्रा 11 और 12 को नहीं होगी।
भाजपा ने दिए संकेत
भाजपा ने भी इस बात के संकेत देने शुरू कर दिए है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष शुक्रवार को चंडीगढ़ पहुंचे। जानकारी के अनुसार उन्होंने भी गठबंधन को लेकर भाजपा नेताओं की नब्ज को टटोला। वहीं, सरकार ने हरियाणा में होने वाली हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (एचएसजीपीसी) के चुनाव को भी टाल दिया।यह भी पढ़ें: Chandigarh: TGT के 303 पदों पर नौ साल बाद भर्ती, शिक्षा विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर करें आवेदन; ये है अंतिम तिथि
अहम बात यह है कि एचएसजीपीसी के चुनाव की घोषणा भी 7 फरवरी को की गई थी। इसके एक दिन बाद ही इसे टाल दिया गया। क्योंकि शिरोमणि अकाली दल इसका विरोध कर रहा था। वीरवार को एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने विरोध दर्ज करवाया था। पार्टी सूत्र बताते हैं कि यह सारे कदम तब ही उठाए गए जब दोनों पार्टियों के बीच की दूरियां कम हो गई। बता दें कि तीन कृषि बिलों को लेकर शिअद ने सितंबर 2020 में भाजपा के साथ ढाई दशक पुराने गठबंधन तोड़ लिया था।
गठबंधन टूटने के बाद हुआ नुकसान
भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद शिअद को राजनीतिक रूप से नुकसान का सामना करना पड़ा। पार्टी 2022 के विधान सभा चुनाव में मात्र 3 सीटों पर सिमट गई। दो विधान सभा चुनाव हारने के बावजूद शिअद को राजनीतिक रूप से बढ़त मिलती नहीं दिख रही है। वहीं, विभिन्न सर्वे के रिपोर्ट भी शिअद और भाजपा के हक में अच्छे नहीं आ रहे है। जिसे देखते हुए अब एक बार फिर दोनों पार्टी ने एक ही मंच पर आने का मन बनाया है।
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