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अमृतपाल के साथी गुरिंदर सिंह औजला को HC से नहीं मिली राहत, फिर टली सुनवाई; NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल में हैं बंद

अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के साथी गुरिंदर सिंह औजला को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। NSA को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई फिर टल गई है। अमृतपाल अपने साथियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। याचिका में बताया गया है कि पंजाब में अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब सरकार ने अभियान चलाया था।

By Dayanand Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Fri, 26 Jul 2024 02:05 PM (IST)
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अमृतपाल के साथियों की याचिका पर सुनवाई टली

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के डिब्रूगढ़ जेल में बंद साथी गुरी औजला व अन्य को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है।

शुक्रवार को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू व जस्टिस विकास सूरी ने कोई राहत आदेश जारी न करते हुए मामले की सुनवाई 28 अगस्त तक स्थगित कर दी। हाई कोर्ट में वर्क सस्पेंड के चलते इन की तरफ से वकील पैरवी के भी उपस्थित नहीं हुए।

अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए चलाई गई थी मुहिम

औजला व अन्य ने उन पर लगाए गए नेशनल सिक्योरिटी एक्ट को गलत तथा गैर कानूनी बताते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में बताया गया कि पंजाब में अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब सरकार ने मुहिम चलाई थी।

इस मुहिम के तहत अमृतपाल के साथियों पर शिकंजा कसा गया था। इसी कड़ी में याचिकाकर्ताओं को भी शिकार बनाया गया और उसके खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। इस कार्रवाई के बाद उसे गिरफ्तार कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया।

औजला के अलावा इन पर भी याचिका दर्ज

याचिका में कहा कि उसके खिलाफ की गई यह कार्रवाई कानून की तय प्रक्रिया का पालन करते हुए नहीं की गई है। ऐसे में यह पूरी तरह से गैर कानूनी है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। औजला के अलावा गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, कुलवंत सिंह, पपल प्रीत, भगवंत सिंह और बसंत सिंह की इन याचिकाओं पर हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार व केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।

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इस पर पंजाब सरकार ने जवाब दायर कहा था कि इन सभी को तय कानून के तहत गिरफ्तार कर एनएसए लगा असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है, ऐसे इनकी गिरफ्तारी अवैध नही। साथ ही कहा की यह सभी अमृतपाल सिंह के साथी हैं और अलगाववादी और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।