Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Punjab News: अमृतपाल सिंह ने हाई कोर्ट का खटखटाया दरवाजा, NSA हिरासत बढ़ाने को लेकर पंजाब सरकार को चुनौती

Punjab News खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कट्टरपंथी सिख सांसद ने पंजाब सरकार के खिलाफ याचिका दायर की है। NSA हिरासत अवधि बढ़ाने को लेकर हाई कोर्ट में चुनौती दी है। अमृतपाल ने कहा कि उन पर असंंवैधिक तौर पर कार्रवाई की जा रही है। अमृतपाल ने कहा कि पंजाब सरकार अपनी मनमानी कर रही है।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Sat, 20 Jul 2024 09:28 AM (IST)
Hero Image
अमृतपाल सिंह ने हाई कोर्ट में दायर की याचिका

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब सीट से कट्टरपंथी सिख सांसद अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) में उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने के पंजाब सरकार (Punjab Government) के फैसले को चुनौती दी है।

अमृतपाल ने दलील दी कि सरकार यह दुष्प्रचार कर रही है कि उनका संविधान में कोई विश्वास नहीं है, जबकि वह दो बार संविधान की शपथ ले चुके हैं।

कोर्ट में याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की संभावना

हाई कोर्ट में याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की संभावना है। अमृतपाल के अनुसार, यह तथ्य कि वह एक राजनीतिक संदेश पंजाब के लोगों को दे रहे थे, लोकसभा चुनाव में उनका चुना जाना पूरी तरह उचित प्रमाणित करता है।

संविधान में नहीं कोई विश्‍वास: अमृतपाल

अमृतपाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव ने राज्य सरकार के गलत दुष्प्रचार को भी गलत साबित कर दिया है कि याचिकाकर्ता का संविधान में कोई विश्वास नहीं है क्योंकि चुनाव की प्रक्रिया ही प्रत्येक उम्मीदवार के लिए संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेना व नामांकन पत्र दाखिल करते समय शपथ लेना अनिवार्य बनाती है।

यह भी पढ़ें: Punjab News: पंजाब सरकार और राज्‍यपाल के बीच तनातनी, चौथी बार सीमावर्ती जिलों का दौरा करेंगे पुरोहित

अमृतपाल ने यह भी कहा कि उन्होंने लोकसभा सदस्य के रूप में चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद दूसरी बार भारत के संविधान की शपथ ली है और निर्वाचन क्षेत्र व पंजाब राज्य के सर्वोत्तम हितों का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार अर्जित किया है।

मेरे खिलाफ सभी कार्रवाई असंवैधानिक: अमृतपाल

अमृतपाल ने याचिका में कहा कि एनएसए के तहत उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने का आधार मुख्य रूप से खुफिया सूचनाओं पर आधारित है। उनके खिलाफ सभी कार्रवाई असंवैधानिक, कानून के खिलाफ तथा राजनीतिक असहमति के कारण दुर्भावनापूर्ण हैं और उन आधारों पर नहीं हैं जिनके आधार पर निवारक हिरासत का आदेश दिया जा सकता है, अत: इसे तुरंत रद किया जाना चाहिए।