Amritpal Singh: भगोड़े अमृतपाल के थे खतरनाक इरादे, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर थी कब्जे की साजिश
Amritpal Singh भगोड़े अमृतपाल सिंह के खतरनाक इरादे थे। कनाडा में आराम की जिंदगी जीने वाला अमृतपाल पंजाब में अलग देश की मांग कर रहा था। इतना ही नहीं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की नजर सिखों की मिनी संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) पर थी।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Thu, 23 Mar 2023 02:56 PM (IST)
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता। वारिस पंजाब दे के चीफ और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। अमृतपाल की नजर सिखों की मिनी संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) पर थी। वह एसजीपीसी पर अपना कब्जा करना चाह रहा था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसके लिए उसने पूरी तरह से प्लानिंग कर ली थी। अमृत संचार के नाम पर युवाओं को वह अपने साथ लगातार जोड़ रहा था। असल में वह अमृत संचार के नाम पर अपना वोट बैंक तैयार कर रहा था। मामले की जांच कर रहे है अधिकारियों के मुताबिक एसजीपीसी पर कब्जा करने का मकसद यह था कि वह खालिस्तानी मूवमेंट को एसजीपीसी के जरिए चला सके।
ऐसे रच रहा था धर्म और सियासत का खेल
ध्यान रहे कि एसजीपीसी की ओर से सिख धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए काम किया जाता है। पिछले कई सालों पर एसजीपीसी पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का कब्जा है। अमृतपाल बादल के समर्थकों और विरोधियों को साथ लेकर चुनाव में उतरना चाहता था। इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अमृतपाल ने एसजीपीसी का का सदस्य बनने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने खालसा वहीर (मार्च) निकालने की तैयारी कर ली थी।युवाओं को टूल की तरह कर रहा था इस्तेमाल
अमृतपाल सिंह पंजाब के लोगों व युवाओं को नशा छुड़वाने के नाम पर अपने साथ जोड़ रहा था। जांच में सामने आया है कि वह युवाओं को एक टूल की तरह की इस्तेमाल कर रहा था। इससे साथ है कि पंजाब में नशा कितना बड़ी समस्या है।पंजाब विधानसभा में भी सेहत मंत्री डा बलबीर सिंह ने जानकारी दी है कि पंजाब में 9 लाख से ऊपर नशे के शिकार लोग है। जिनमें से 6 लाख 62 हजार का इलाज प्राइवेट और 2 लाख 21 हजार का इलाज सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों पर चल रहा है। सिख धर्म के प्रचार के नाम पर अमृतपाल द्वारा अमृत संचार करने वाले लोगों को निजी रूप में इस्तेमाल करने की बात भी जांच में सामने आई है।
ऐसे इकट्ठा किए करोड़ों रुपए
जांच में पता चला है कि अमृत संचार कार्यक्रमों के दौरान करोड़ों रुपये इकट्ठे हुए। अमृतपाल ने बिना कोई हिसाब दिए व्यक्तिगत तौर पर धन का इस्तेमाल किया। यह पैसा हथियारों की खरीद फरोख्त के अलावा और कहां कहां पर खर्च किया गया इस की जांच की जा रही है। जांच में पता चला है कि असल में वह खालिस्तानी मूवमेंट को आगे बढ़ाने के लिए दूसरों को एक सख्त धार्मिक संहिता का पालन करने के लिए कह रहा था और खुद अपने जीवन का पूरा आनंद ले रहा था।
अमृतपाल सिख सिद्धांतों का पालन किए बिना दुबई में शानदार जीवन जी रहा था। अमृतधारी सिख न होने के कारण, अमृतपाल हर वो काम कर रहा था, जो सिख धर्म अनुमति नहीं देता।
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