SGPC पर कब्जा करना चाहता था अमृतपाल, युवाओं को अपने साथ जोड़कर तैयार कर रह था वोट बैंक
एसजीपीसी सिख धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए काम करती है। पिछले कई वर्षों से इस पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का कब्जा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अमृतपाल बादल विरोधियों को साथ लेकर चुनाव में उतरना चाहता था।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Fri, 24 Mar 2023 04:49 AM (IST)
चंडीगढ़, रोहित कुमार। खालिस्तान समर्थक और अलगाववादी भगोड़ा अमृतपाल सिंह सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) पर कब्जा करना चाहता था। इसी कड़ी में वह अमृत संचार के नाम पर युवाओं को जोड़ रहा था, ताकि भविष्य में एसजीपीसी चुनाव में वोट बैंक तैयार हो सके। वह एसजीपीसी पर कब्जा कर खालिस्तान की मूवमेंट को एसजीपीसी के जरिये चलाना चाहता था।
उल्लेखनीय है कि एसजीपीसी सिख धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए काम करती है। पिछले कई वर्षों से इस पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का कब्जा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अमृतपाल बादल विरोधियों को साथ लेकर चुनाव में उतरना चाहता था। उसने खालसा वहीर (मार्च) निकालने की तैयारी कर ली थी। वह नशा छुड़ाने के नाम पर युवाओं को अपने साथ जोड़कर उनको टूल की तरह की इस्तेमाल कर रहा था।
विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह बता चुके हैं कि राज्य में नौ लाख से ज्यादा लोग नशे के आदी हैं। इनमें से 6.62 लाख लोगों को उपचार निजी और 2. 21 लाख लोगों का उपचार सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों पर चल रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में सामने आया है कि अमृत संचार कार्यक्रमों में करोड़ों रुपये जमा हुए थे, लेकिन उसने बिना कोई हिसाब दिए इस पैसे को व्यक्तिगत तौर पर इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि पैसा हथियारों के अलावा कहां-कहां खर्च किया, इसकी जांच जारी है। असल में वह खालिस्तानी मूवमेंट आगे बढ़ाने के लिए दूसरो को धार्मिक संहिता का पालन करने के लिए कह रहा था और खुद जीवन का पूरा आनंद ले रहा था। जब अमृतपाल खुद सिख सिद्धांतों का पालन किए बिना दुबई में रह रहा था, तब भी वह शानदार जीवन जी रहा था। सूत्रों का दावा है कि अमृतपाल हर वो काम कर रहा था जिसकी सिख धर्म अनुमति नहीं देता।
सोशल मीडिया पर वायरल आडियो
भगोड़े अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद कई तस्वीरें और आडियो प्रसारित हो रहे हैं। एक आडियो में अमृतपाल एक लड़की को बदनाम करने की धमकी देकर पीछा छुड़ाने की बात कर रहा है। आइजी डा. सुखचैन सिंह गिल का कहना है कि बगैर जांच के यह नहीं कहा जा सकता कि आडियो में आवाज किसकी है। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए कुछ चैट में वह किसी आस्ट्रेलियाई महिला के बारे में करीबी से कह रहा है कि मैं उस लड़की से पीछा छुड़वाना चाहता हूं।
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