'उम्मीद है कि केजरीवाल देश के प्रधानमंत्री होंगे', लोकसभा में बोले AAP सांसद मालविंदर सिंह कंग
सदन में श्री आनंदपुर साहिब से आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर सिंह कंग ने छोटे बच्चों के लिए खेल को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे और अवसरों की कमी की ओर संसद का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने सदन में उम्मीद जताते हुए कहा कि देश में 2036 तक पीएम अरविंद केजरीवाल होंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सदन में श्री आनंदपुर साहिब से आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर सिंह कंग ने आम आदमी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के प्रधानमंत्री होने की उम्मीद जताई है। ओलंपिक खेलों को लेकर वो सदन में चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 2036 तक भारत देश ओलंपिक खेलों की मेजबानी करेगा और तब तक देश के प्रधानमंत्री अरविंद केजरीवाल होंगे।
श्री आनंदपुर साहिब से आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद मालविंदर सिंह कंग (Malvinder Singh Kang) ने उभरते खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाओं का मुद्दा संसद में उठाया। भारत के ओलंपिक प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कंग ने कहा कि उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये एथलीट हमारे देश का नाम रोशन करेंगे, लेकिन अब समय है कि हम उन सुविधाओं और अवसरों पर विचार करें जो देश का प्रतिनिधित्व करने वाले युवा खिलाड़ियों को प्रदान कर सकते हैं।
पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर को भारत रत्न देने की उठाई मांग
'आप' नेता ने पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर को भारत रत्न देने की मांग की और कहा कि हमारे खिलाड़ियों को सर्वोच्च सम्मान देने से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि खेल के क्षेत्र में पंजाब का योगदान अद्वितीय है। 1970 के दशक में एक समय था जब पूरी फुटबॉल टीम पंजाब के एक छोटे से शहर माहिलपुर की थी। जबकि बलाचौर का एक छोटा सा निर्वाचन क्षेत्र हमारे देश के कुछ सर्वश्रेष्ठ बास्केटबॉल खिलाड़ियों को तैयार करता है।पंजाब में युवा खिलाड़ियों को मिले ट्रेनिंग
कंग ने छोटे बच्चों के लिए खेल को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे और अवसरों की कमी की ओर संसद का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन हमारे पास अपने खिलाड़ियों को कम उम्र से मदद करने की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब में जो बच्चों में टैलेंट है उन्हें दस साल या पंद्रह साल तक पहचान करके ट्रेनिंग की सुविधा मिलने लगे।
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