PGI निदेशक का खुलासा- कटने के बाद जोड़ा गया ASI हरजीत का हाथ पांच माह में करेगा काम
पटियाला में निहंग सिखों के हमले का शिकार हुए पंजाब पुलिस के ASI हरजीत सिंह का हाथ सामान्य रूप से कार्य करने में चार-पांच माह लगेंगे। उनके कटे हाथ को PGI में जोड़ा गया था।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 21 Apr 2020 03:55 PM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन/एएनआइ। पिछले दिनों पटियाला में निहंग सिंहाें (निहंग सिखों) के हमले का शिकार हुए पंजाब पुलिस के ASI हरजीत सिंह को पूरी तरह ठीक होने में करीब चार-पांच माह लग जाएंगे। निहंगों ने उनके एक हाथ को काट दिया था। उसे चंडीगढ़ पीजीआइ मेें सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया था, लेकिन फिजियोथेरेपी से इसके पूरी तरह सामान्य रूप से कार्य करने में अभी चार-पांच महीेने लगेंगे। चंडीगढ पीजीआइ के निदेशक डॉ. जगत राम का कहना है कि फिजियोथेरेपी के बाद हरजीत सिंह का हाथ सामान्य रूप से कार्य करने लगेगा।
बता दें कि घटना के बाद पंजाब सरकार ने हरजीत सिंह काे पदोन्नति देने और सब इंस्पेक्टर बनाने की घोषणा की है। चंडीगढ पीजीआइ के निदेशक डॉ. जगत राम ने बताया कि हरजीत सिंह के हाथ का 12 अप्रैल को रिप्लांट करने का ऑपरेशन पूरी तरह कामयाब हुआ था और इसको लेकर अब कोई समस्या नहीं है। हाथ के पूरी तरह सामान्य रूप से कार्य करने के लिए फिजियोथेरेपी की जरूरत है।
उन्होंने बताया फिजियोथेरेपी से हाथ के सामान्य रूप से कार्य करने में करीब चार-पांच महीने लग जाएंगे। उनकी हालत पर पूरी नजर रखी जा रही है और आवश्यक चिकित्सा दी जाती रहेगी। अब इस मामले में कोई दिक्कत की आशंका नहीं है।
बता दें कि 12 अप्रैल को सुबह करीब छह बजे पटियाला में सब्जी मंडी के पास कर्फ्यू के दौरान निहंग सिखों की गाड़ी को रोककर पुलिस टीम ने कर्फ्यू पास दिखाने को कहा। इस पर गाड़ी में सवार निहंगों ने बाहर निकल कर तेजधार हथियारों से हमला बाेल दिया। हमलावर निहंग सिखों ने वहां तैनात एएसआइ हरजीत सिंह का हाथ काट डाला।
इसके बाद हरजीत सिंह को एक स्कूटी पर एक साथी पुलिसकर्मी ने 10 किलोमीटर दूर पटियाला के राजिंदरा अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान हरजीत सिंह ने अपना कटा हुआ हाथ दूसरे हाथ में पकड़ा हुआ था। राजिंदरा अस्पताल में कटे हाथ को सुरक्षित तरीके से बंद कर वहां से हरजीत को चंडीगढ़ पीजीआइ लाया गया। यहां एडवांस ट्रामा सेंटर में 12 अप्रैल की सुबह करीब 7.45 बजे लाया गया। सुबह करीब 10 बजे उनके हाथ काे रीइंप्लांट करने की सर्जरी शुरू हुई। करीब आठ घंटे की सर्जरी के बाद हाथ को दोबारा जोड़ दिया गया।
पीजीआइ के सीनियर डॉक्टरों नेे हाथ की नसों और हड्डियों को थ्रीके वायर और प्लास्टिक सर्जरी की मदद से रीइंप्लांट किया। सह सर्जरी पूरी तरह सफल रहा। डॉक्टरों का कहना है कि हाथ के पूरी तरह कार्य करने में अभी कुछ माह लगेंगे। उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है और फिजियेाथेरेपी शुरू की जा रही है।इन सीनियर डॉक्टरों ने की सर्जरी
चडीगढ़ पीजीआइ के डॉक्टरों की जिस टीम ने सर्जरी की उसमें प्लास्टिक सर्जरी विभाग के सीनियर चिकित्सक डॉ. सुनील गाबा, डॉ. रोहन शामिल थे। इसके साथ ही इस टीम में सीनिर रेजिडेंट चिकित्सक डॉ. सूरज नायर, डाूढ मयंक, डॉ. चंद्रा और डॉ. शुभेंद्र भी शामिल थे। टीम में एनेस्थीसिया विभाग के सीनियर रेजिडेंट चिकित्सक डॉ. अंकुर, डॉ. अभिषेक और डॉ. पूर्णिमा शामिल थीं।
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