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अमृतसरी दाल व खीर के शौकीन थे अटल बिहारी वाजपेयी, गुरू नगरी से कुछ ऐसा था लगाव, जानें ये दिलचस्प किस्से

Atal Bihari vajpayee Death Anniversary महान कवि बहुमुखी प्रतिभा के धनी और विराट व्यक्तित्व वाले अटल बिहारी वाजपेयी की आज पांचवी पुण्यतिथि है। उनका पंजाब से गहरा नाता रहा है। उन्हें पंजाब की अमृतसरी दाल और खीर बेहद पसंद थी। वह साल 1953 में पहली बार फ्रंटियर मेल से अमृतसर पहुंचे थे और 2007 में उन्होंने अमृतसर में आखिरी भाषण दिया था।

By Preeti GuptaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Wed, 16 Aug 2023 02:10 PM (IST)
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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पांचवी पुण्यतिथि है।
चंडीगढ़, ऑनलाइन डेस्क।  Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: महान कवि, बहुमुखी प्रतिभा के धनी और विराट व्यक्तित्व वाले अटल बिहारी वाजपेयी की आज पांचवी पुण्यतिथि है। देश आज अपने पूर्व प्रधानमंत्री को शत् शत् नमन करता है। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त  2018 में हुआ था।

पंजाब से रहा है गहरा लगाव

93 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली थी। अटल विहारी वाजपेयी पूरे देश को अपना परिवार मानते थे। वहीं, उनका पंजाब से गहरा लगाव रहा है। यहां के लोगों के सुख-दुख में वह हमेशा भागीदार नजर आए हैं। बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी खाने के बेहद ही शौकीन थे। शाकाहार को लेकर जरा भी हठधर्मी या कट्टरपंथी नहीं थे। भारत के विभिन्न शहरों में खाने से लेकर उनका काफी लगाव रहा है।

पंजाब की अमृतसरी दाल और खीर के शौकीन

भोपाल का मुर्ग मुसल्लम हो, भिंड मुरैना की गज्जक और ठग्गू के लड्डू हो या फिर दक्षिण दिल्ली में ग्रेटर कैलाश स्थित उनका ​प्रिय चीनी रेस्तरां। वह अक्सर वहां जाया करते थे। वहीं, उन्हें पंजाब की अमृतसरी दाल और खीर बेहद पसंद थी। उनका पंजाब के राजनेताओं और वहां के लोगों से घनिष्ठ संबंध रहे हैं।

पहली बार 1953 में अमृतसर पहुंचे थे महान कवि

महान कवि अटल बिहारी वाजपेयी साल 1953 में पहली बार फ्रंटियर मेल से अमृतसर पहुंचे थे। उनका शहर के बड़े कपड़े व्यापारी स्व. लाल रोशन लाल से घनिष्ठ संबंध थे। वह जब-जब पंजाब आया करते थे, तब-तब लाल रोशन लाल के घर में ही रहते थे। लाला जी भी जनसंघ के प्रमुख कार्यकर्ता थे।

लाल रोशन के बेटे की शादी में की थी शिरकत

लाल रोशन लाल के बेटे की शादी का निमंत्रण कार्ड भी पूर्व पीएम अटल जी को भेजा गया था। उस समय देश में अन्न संकट था, जिस वजह से शादी समारोह में खाना परोसने पर रोक लगी थी। अटल जी ने न्यौता स्वीकार कहा था कि तब ही आएंगे जब खाने में दूध व फल ही दिए जाएंगे।

प्रकाश सिंह बादल से घनिष्ठ संबंध

पंजाब में विख्यात प्रकाश सिंह बादल से भी उनकी अच्छी और गहरी दोस्ती रही है। दोनों के हमेशा से मधुर संबंध रहे हैं। 1998 में BJP की अगुवाई में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) के गठन और 13 क्षेत्रीय पार्टियों को इसमें लाने में सबसे अहम रोल बादल का ही रहा।

अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान अकाली दल और भाजपा का गठबंधन कराने में प्रकाश सिंह बादल का अहम रोल रहा है। प्रकाश सिंह बादल ने हमेशा अटल बिहारी वाजपेयी को राजनीतिक तौर पर समर्थन दिया है। साल 1999 में हुए चुनाव में बीजेपी को मिली जीत में भी प्रकाश सिंह बादल की भूमिका रही है।

हर मुश्किल में दिया पंजाब का साथ

25 जुलाई1986 को मुक्तसर से लुधियाना जा रही बस को आंतकियों ने कब्जा कर लिया था। आतंकी बस को गांव लुबानियांवाली की ओर ले गए और वहां 14 हिंदुओं की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दर्दनाक घटना के बाद अटल बिहारी वाजपेयी पीड़ित परिवारों से मिलने और उन्हें सांत्वना देने खुद श्री मुक्तसर साहिब गए थे।

वहीं, उन्होंने आतंकियों से मिल रही धमकी भरी चिट्ठी के संबंध में कहा था कि घबराएं नहीं, सचेत रहें। वह और पार्टी उनके साथ खड़ी है। जो निहत्थे लोगों पर गोली चलाते हैं उनसे डरने की जरूरत नहीं है। इन सब का सफाया होगा। काला दौर खत्‍म होगा ओर नई सुबह आएगी।

अमृतसर में आखिरी भाषण

अटल बिहारी वाजपेयी ने 2007 में आखिरी राजनीतिक भाषण पंजाब के अमृतसर में दिया था। उन्होंने अपना आखिरी भाषण पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन में दिया था। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी सिद्धू के लिए वोट की अपील करने पहुंचे थे। 

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