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लंका दहन से गुस्साए रावण पहुंचा रणभूमि, भगवान श्रीराम ने अपनी सेना के साथ किया लंका में प्रवेश

माता सीता की खोज में हुनमान लंका पहुंचता है जहां वह अशोक वाटिका में माता सीता से मिलता है। उसके बाद माता सीता को बंधक बनाने वाले राजा रावण तक पहुंचता है। जहां पर भगवान हुनमान और रावण का संवाद होता है।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Sun, 25 Oct 2020 09:24 AM (IST)
लंका दहन से पहले कलाकार हनुमान की पूंछ को आग लगाते हुए।
चंडीगढ़, जेएनएन। माता सीता की खोज में हुनमान लंका पहुंचता है जहां वह अशोक वाटिका में माता सीता से मिलता है। उसके बाद माता सीता को बंधक बनाने वाले राजा रावण तक पहुंचता है। जहां पर भगवान हुनमान और रावण का संवाद होता है। ऐसा ही मंचन हुआ आजाद ड्रामैटिक क्लब सेक्टर 20 और नवयुग रामलीला कमेटी और दशहरा कमेटी सेक्टर 7 के मंचन में। रावण हुनमान की बात नहीं मानता और उनकी पूंछ में आग लगाने के आदेश दे देता है।

पूंछ में आग लगते ही जला डाली लंका

रावण के बोलने पर जैसे ही हुनमान की पूंछ में आग लगाई जाती है तो वह सबसे पहले रावण के दरबार और उसके बाद सोने की बनी लंका के हर कोने में जाकर पूंछ में लगी आग को भड़का देता है। जब तक आग पर काबू पाने के लिए कुछ किया जाता लंका जलकर खत्म हो गई और रावण का घमंड चूर-चूर हो गया।

तिलमिलाया रावण पहुंचा रणभूमि

हुनमान ने लंका जलाने के बाद रावण गुस्से से भर गया और भगवान श्रीराम को ललकारते हुए युद्ध क्षेत्र में पहुंचा और युद्ध करके जीतने के बाद माता सीता को ले जाने के लिए बोलता है। जिसके बाद सबसे पहले रणभूमि तक पहुंचने के लिए रामसेतु का निर्माण किया गया और उससे से होते हुए लंका में भगवान श्रीराम ने अपनी सेना के साथ प्रवेश किया।

आज होगा रावण वध और दहन

भगवान श्रीराम और रावण दोनों ही रणभूमि में आ चुके। दोपहर तीन बजे तक युद्ध शुरू होगा और उसके बाद रावण वध के बाद दहन किया जाएगा।

प्रतीकात्मक होगा दहन

प्रशासन की तरफ से रावण दहन की मंजूरी देरी से दी है जिनके चलते दहन के लिए किसी बड़े पुतले का निर्माण नहीं हुआ है। शाम पांच बजे तक रामलीला कमेटी कागजों से बने रावण कुभकंर्ण और मेधनाद का दहन करेंगे।

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