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बादल ने पंजाब सरकार पर साधा निशाना, कहा- प्रचार की जगह पराली प्रबंधन और सामाजिक कार्यों पर खर्च की जाए राशि

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को दिल्ली-मेरठ-आरआरटीएस परियोजना को पूरा करने के लिए विज्ञापनों पर खर्च किए जा रहे 450 करोड़ रूपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि पंजाब में भी इसी तरह का हस्तक्षेप चाहिए।

By Rohit KumarEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 22 Nov 2023 09:44 PM (IST)
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बादल ने पंजाब सरकार पर साधा निशाना, File Photo

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को दिल्ली-मेरठ-आरआरटीएस परियोजना को पूरा करने के लिए विज्ञापनों पर खर्च किए जा रहे 450 करोड़ रूपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि पंजाब में भी इसी तरह का हस्तक्षेप चाहिए। ताकि मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से विज्ञापनों पर खर्च की जाने वाली राशि को किसानों की धान की पराली के प्रबंधन और सामाजिक भलाई लाभ लागू करने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए मजबूर करना चाहिए। 

न्यायिक हस्तक्षेप से तुंरत ठीक करने की आवश्यकता

सुखबीर सिंह बादल ने रूकी हुई सभी बुनियादी ढ़ांचा परियोजनाओं के आडिट करवाए जाने की बात कहीं। क्योंकि राज्य सरकार इसके लिए फंड जारी नही कर रही है। उन्होंने कहा इसके साथ साथ शहरी स्थानीय निकायों और ग्रामीण विकास के लिए फंड जारी करने में कटौती करने से आम आदमी बेहद परेशान है और इसे न्यायिक हस्तक्षेप से तुंरत ठीक करने की आवश्यकता है।

प्रचार आधारित विज्ञापनों पर पैसा खर्च कर रही है AAP

अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आंखें खोलने वाला है, क्योंकि इसने उस तरीके को बेनकाब कर दिया जिसमें आप सरकार जनता का पैसा अपने प्रचार के लिए खर्च कर रही है और बुनियादी ढ़ांचा परियोजनाओं के लिए पैसा देने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली की तरह पंजाब में आप सरकार बुनियादी ढ़ांचा परियोजनाओं के लिए कोई पैसा जारी नही कर रही है, बल्कि प्रचार आधारित विज्ञापनों पर पैसा खर्च कर रही है।

अब स्थिति ऐसी हो गई है कि बुढ़ापा पेंशन और (आर्शीवाद) योजना जैसे सामाजिक भलाई लाभों के लिए पैसा जारी नही किया जा रहा है। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी करने की जरूरत।